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१८० : परिशिष्ट १
उक्कड-उज्जोएइ उक्कड्ढ (पृ ३२) उग्घायण
(पृ ३३) उक्कड्ढति (णिकड्ढति) उचित
(बहुजनाचीर्ण) उक्कड्डिय (णिच्छुद्ध) उच्च
(दीह) उक्कत्त (कप्पिय) उच्च
(उदन) उक्कसण (पृ ३२) उच्च
(ऊसढ) उक्किट्ठ
(पृ ३२) उच्चच्छंद उक्किरण (साहरण) उच्चयरक
(३३) उक्कूइय
(रसिय) उच्चारपासवणखेलसिंघाणउक्कूजिय
(अक्कोस) जल्लपरिट्ठावणियाअस्समिति उक्कूल (अलिय)
(अधम्मस्थिकाय) उक्कोडभंग
(खोडभंग) उच्चारपासवषखेल उक्कोस
(माण) सिंघाणजल्लपरिट्ठावणियासमिति उक्कोस (मोहणिज्जकम्म)
(धम्मत्थिकाय) उक्कोसेज्ज (पंतावेज्ज) उच्चारित
(उल्लोइत) उक्खणाहि
उच्चावच
(पृ ३४) उक्खित्त (ओसारित) उच्छंदण
(उस्सिघण) उक्खित्त
(पूया) उच्छल्लिज्जति (चालिज्जति) उक्खित्तभत्त
(पहेण) उच्छाडित (उल्लोहित) उक्खिन्न
उच्छायण
(घाय) उक्तक्रमोल्लंघन (व्यत्यय)
उच्छाह
(जोग) उक्ति (पृ ३३) उच्छाह
(योग) उखड्डमड्ड (पृ ३३) उच्छुद्ध
(ओसारित) उग्गम (पृ ३३) उच्छुद्ध
(पहर) उग्गय (पृ ३३) उच्छोलेंति
(पृ ३४) उग्गविस (पृ ३३) उज्जल
(३४) उग्गह (पृ ३३) उज्जल
(संख) उग्गह (पृ ३३) उज्जु
(भिक्खु) उग्गह (उवहि) उज्जु
(पृ ३४) उग्गहित (ओसारित) उज्जुगत्तण
(पृ ३४) उग्गिण्हण (उग्गह) उज्जुय
(पृ ३४) उग्गोवणा (एसणा) उज्जोएइ
(ओभासेइ)
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