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१६२ । परिशिष्ट
अकयस्थ-अग्ग
(पृ ३)
अकिट्ठ
अकयस्थ (अधन्न) अक्खोडभंग
(खोडभंग) बकयलक्खप (अधन) अक्खोला
(लोमसिका) अकरणा (दुगुंछणा) अक्रिया
(पृ २) अकरणाए बन्मुट्टिज्जइ(आलोइज्जइ)
अक्रोधवद्
(शान्त) वकरणीय (मिच्छा) अक्षताचार
(पृ ३) बकलुस
(अदीण) अखंड अकलुस (अणासव) अखंड
(पृ३) अकषायवद् (शान्त) अखण्ड
(सर्व) अकसाइ (अणाइल) अखमा
(कोह) अकिंचण (अणासव) अखमा
(मोहणिज्जकम्म) अकिंचण (संत) अखिल
(अचल) अकिच्च (पाणवह) अग
(दुम) (२) अगणि
(अग्गि) अकिरिय (संजय) अगणिझामिय
(पृ३) अकुक्कुच
(अचवल) अगणिभूसिय (अगणिझामिय) अकुटिल
(ऋजु) अगणिपरिणामिय (अगणिझामिय) अकुटिलत्तण (उज्जुगत्तण) अगम (बागासस्थिकाय) अकुडिल (पृ २)
(पादव) अकुडिल (उज्जुय) अगरिहिय
(सामायिक) अकुसल (पृ २) अभिणी
(नववधू) अक्कोस (पृ २) अगीतार्थ
(अल्पश्रुत) अक्कोसति (आहणइ) अगुणकित्तण
(परिवयण) अक्कोसेज्ज (पृ २) अगुत्ति
(परिग्गह) अक्कोह (पृ३) अगृद्ध
(पृ ३) अक्ख (दुमपुफिया) अगृहीतव्य
(पृ३) अक्षण (आलोयण) अगेहि
(लाघविय) अक्खय (धुव) अगेहि
(असंजण) अक्खयायार ( ३)
(पृ ३) अक्खर (चेयण्ण) अग्ग
(पृ ३) अक्खुभिय
(अभीय) अग्ग अक्खेव (अदिण्णादाण) अग्ग
(चला)
अगम
अगोय
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