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________________ कथा-संकेत विषय विचिकित्सा परपाखंड प्रशंसा सम्यक्त्व के आचार अमूड दृष्टि उपबृंहण सम्यक्त्व ग्रहण के अपवाद राजाभियोग गणाभियोग देवताभियोग गुरुनिग्रह वृत्तिकांतार सम्यक्त्व प्राप्ति के दृष्टांत ससार असार साधु का वेग सामाचारी इच्छाकार सामायिक की परम्परा सामायिक के निर्वचन सामायिक प्राप्ति के कारण १ अनुकम्पा २ अकामनिर्जरा ३ बाल तप ४ पात्रदान ५ विनय ६ विभंगजान ७ संयोग-वियोग ८ व्यसन ९ उत्सव Jain Education International कथा-संकेत श्रावक और चोर चन्द्रगुप्त और चाणक्य सुलसा श्रेणिक कार्तिक सेठ वरुण सारथि आवक और व्यन्तरी उपासक पुत्र और बावक पुत्री सौराष्ट्र का धावक और बौद्ध भिक्षु १ पल्प २ पर्वतनदी-पाषाण, 1 ३ पिपीलिका, ४ पुरुष, ५ मार्ग, ६ वर ७ कोद्रव, ८ जल, ९ वस्त्र समुद्रवणिक् का दृष्टान्त रुपये का दृष्टान्त ७३९ १ बालीक अश्व और मागध अश्व २ दरिद्र ब्राह्मण, ३ बन्दर और बया का घोंसला, ४ दो वणिक् मृगावती और चण्डप्रद्योत १ दमदन्त, २ मेतार्य, ३ कालकपृच्छा, ४ चिलात, ५ आत्रेय, ६ धर्मच ७ तेतलिपुत्र , धन्वंतरी और वैतरणी वैच महावत इन्द्रनाग कृतपुण्यक पुष्पशाल सुत शिवराज तापस अच् ५०. जि ९६. हा १०२, १०३ संदर्भ आवचू २ पृ २७६-२७८. हा २१४,२१५ परिशिष्ट १ आवनि १०७. हा ५०, ५१ । विभा १२०४-१२२१ ओनि ५७२ आवनि ११३८, ११३९. हा २ पृ २४, २५ आवनि ६७८-६८०. चू १ पृ ३४३-३४५. हा १७४, १७५. म ३४५, ३४६ विभा १०८२. म ४२३, ४२४ आवचू १ पृ८९-९१. हा ४३-४५ आवनि ८६५-८७६. चू १४९२-५०१. हा २४३ - २४९. म ४७५-४८२ मथुरा के दो वणिक् दो भ्राता ( कृष्ण-बलराम का पूर्वभव) आभीर आवनि ८४५, ८४६ च १ १ ४६०-४०५, हा २३२-२४०. म ४६१-४६९ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016048
Book TitleBhikshu Agam Visjay kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalprajna, Siddhpragna
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages804
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size18 MB
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