________________
कथा-संकेत
विषय
इन्द्रिय
श्रोत्रेन्द्रिय
चक्षुरिन्द्रिय
घ्राणेन्द्रिय
रसनेन्द्रिय
स्पर्शनेन्द्रिय
ईर्ष्या
उपसर्ग
उपाय एषणा समिति
द्रव्य गवेषणा
भाव गवेषणा
ग्रहणषणा ग्रासंषणा
उद्गम के दोष
द्रव्य उद्गम 'आधाकर्म
Jain Education International
कथा-संकेत
पुष्पशाल गांधविक
इभ्यपुत्र और धारिणी देवी
गंधप्रियकुमार
सोदास राजा
सुकुमालिका
स्थविरा
१ क्षुल्लक और व्यन्तरी
२ संगम
३ चन्द्रगुप्त और चाणक्य
४ सोमिल और गजसुकुमाल
५ ब्राह्मण और स्त्री
६ चार स्त्रियां और मुनि गंधर्वाचार्य
१ कनकपृष्ठ मृग
२ गजयूथ
३ वानरयूथ
१ धर्मरुचि अनगार
२ वज्रस्वामी
गोवत्स और प्रियंगुलतिका मत्स्य का दृष्टांत
७२९
मोदकप्रियकुमार
१ स्तेन २ राजकुमार विजित - समर, ३ भीमपल्ली और अरिमर्दन राजा, ४. गुणचन्द्र राजा और राजद्रोही वणिक् ५ जिनदत्त और शालिओदन ६ यशोधरा और वत्सराज
७ नूपुरहारिका हस्ती
८ उपतेज और सोदास
९ ग्रामणी वणिक और साधु
१० गुणचन्द्र श्रेष्ठी और
वेशधारी साधु ११ प्रियंकर तपस्वी
संदर्भ
आवचू १. पृ५२९-५३५. हा २६५-२६८.
म ५०४-५०७
अबू ५२. जि ९८.९९
आवचू १ पृ ५३६, ५३७. हा २६९,२७०. म५०९
अचू २४. जि ४७, ४८. हा ४५
पिनि ८०-८४ । ओनि ४५०-४५४, ४५९-४६१
ओनि ४५६. भा २३२-२३९
पिनि २२५,२२६ । अनि ४७७ पिनि ६३० । ओनि ५३९-५४३
पिनि ९० पिनि ११८-१२७
परिशिष्ट १
पिनि १६२-१६७
पिनि १८१
पिनि १९२.१९३
पिनि १९८-२००
पिनि २०८-२११
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org