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प्रमाण
भेद।
विभाग निष्पन्न प्रमाण के प्रकार
४५७ प्रत्येकबुद्धसिद्ध प्रत्येकबुद्ध की अवस्था में सिद्ध ३. द्रव्य प्रमाण _होने वाले । सिद्धों का एक दव्वप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा ---पएसनिप्फण्णे द्ध) य विभागनिप्फण्णे य।।
(अनु ३७०) प्रदेश-वस्तु का अविभाज्य अंश। (द्र. पुद्गल) द्रव्य प्रमाण के दो प्रकारप्रमत्तसंयत--जो पूर्ण व्रती होने पर भी प्रमादयुक्त
प्रदेश निष्पन्न-यह अपने प्रदेशों से निष्पन्न होता है। इसमें मेय और मापक पृथक्-पृथक् नहीं होते ।
विभाग निष्पन्न-इसमें मेय और मापक पृथकगुणस्थान । (द्र. गुणस्थान)
पृथक् होते हैं। प्रमाण-ज्ञान अथवा ज्ञान के हेतु। (द्र. ज्ञान) पएसनिप्फण्णे -परमाणुपोग्गले दुपएसिए जाव प्रमाण -माप अथवा मापने के साधन । दसपएसिए संखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसिए अणंत
पएसिए।
(अनु ३७१) १. प्रमाण की परिभाषा
प्रदेशनिष्पन्न -परमाणुपुद्गल, द्विप्रादेशिक यावत् २. प्रमाण के प्रकार
दस प्रादेशिक, संख्येय प्रादेशिक, असंख्येय प्रादेशिक ० द्रव्य प्रमाण
और अनंत प्रादेशिक । ० क्षेत्र प्रमाण
४. विभाग निष्पन्न प्रमाण के प्रकार ० काल प्रमाण
विभागनिष्फण्णे पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा-माणे ० भाव प्रमाण
उम्माणे ओमाणे गणिमे पडिमाणे । ३. द्रव्य प्रमाण-प्रदेश निष्पन्न और विभाग निष्पन्न |
(अनु ३७२) ४. विभाग निष्पन्न प्रमाण के प्रकार
विभागनिष्पन्न के पांच प्रकार० मान प्रमाण
मान-जिससे लम्बाई और चौड़ाई का माप किया • उन्मान प्रमाण
जाए।
उन्मान-जिससे वजन तोला जाए । ० अवमान प्रमाण
अवमान-जिससे लम्बाई चौड़ाई और गहराई का ० गण्य प्रमाण
माप किया जाए। ० प्रतिमान प्रमाण
गणिमान--जिससे गणना की जाए। ५. क्षेत्र प्रमाण
प्रतिमान-जिससे मूल्यवान वस्तुएं तोली जाए। ६. काल प्रमाण ७.'भाव प्रमाण
मान प्रमाण
माणे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-धन्नमाणप्पमाणे य १. प्रमाण की परिभाषा
रसमाणप्पमाणे य ।
(अनु ३७३) दव्वाइचउन्भेयं पमीयए जेण तं पमाणं ति ।
मान के दो प्रकार-धान्यमानप्रमाण और रसमान
(विभा ९४६) प्रमाण । द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव रूप चतुर्विध प्रमेय को जिसके द्वारा जाना जाए, वह प्रमाण है।
धन्नमाणप्पमाणे- दो असतीओ पसती, दो पसतीओ २. प्रमाण के प्रकार
सेतिया, चत्तारि सेतियाओ कुलओ, चत्तारि कुलया पत्थो, पमाणे चउविहे पण्णत्ते, तं जहा-दव्वप्पमाणे चत्तारि पत्थया आढग, चत्तारि आढगाई दोणो, सद्रि सेत्तप्पमाणे कालप्पमाणे भावप्पमाणे। (अनु ३६९) आढगाइं जहण्णए कंभे, असीइं. आढगाई मज्झिमए
प्रमाण के चार प्रकार हैं-द्रव्यप्रमाण, क्षेत्रप्रमाण, कुंभे, आढगसतं उक्कोसए कुंभे, अट्रआढगसतिए वाहे । कालप्रमाण और भावप्रमाण ।
(अनु. ३७४)
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