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(६८२) लेसा अभिधानराजेन्द्रः।
लेसा पापि । नीलश्वासावशोकश्च-वृक्षविशेषो नीलाशोकस्त- | अंजणकसियाकुसुमे इ वा नीलुप्पले इ वा नीत्साशा, रक्ताशोकव्यवच्छेदार्थ च नीलविशेषणम् , चासः- लासोए इ वा नीलकणवीरए इ वा नीलबंधुजीवे इ पक्षिविशेषस्तस्य पिच्छ-पतत्त्रं तत्समप्रभा-तत्तुल्यद्युतिः,
वा, भवेयारूवे ?, गोयमा ! णो इणद्वे समटे, एत्तो. स्निग्धो-दीप्तो पैडूर्यो-मणिविशेषस्तत्सङ्काशा तत्सदृशी
जाव अमणामयरिया चेव बन्नेणं पनत्ता | काउलेपदविपर्ययः प्राग्वत् , नीललेश्या तु वर्णतो नीलेति तात्प- | र्यम् । अतसी-धान्यविशेषस्तत्पुष्पसङ्काशा, कोकिलच्छदः
| स्सा णं भंते ! केरिसिया वनेणं पन्नत्ता ?, गोयमा ! तैलकण्टकः, तथा च वृद्धसम्प्रदाय:-" वगणाहिगारे जो से जहानामए खदिरसारए इ वा कइरसारए इवा एत्थ कोइलच्छदो सो तेलकटतो भएणइ" त्ति, क्वचितु धमाससारए इ वा तंबे इ वा तंबकरोडे इ वा तेवच्छिवापठ्यते च-' कोइलच्छवि 'त्ति, तत्र कोकिलः-अन्यपुष्टस्त- डियाए इ वा वाइंगणिकुसुमे इ वा कोइलच्छदकुसुमे इ वा स्य छविस्तत्संनिभा, पागवतः-पक्षिविशेषस्तस्य ग्रीवा
जवासाकुसुमे इ वा, भवेयारूवे ?, गोयमा ! णो इकन्धरा तन्निभा कपोतलेश्या तु वर्णतः , किश्चित्कृष्णा किश्चिच लोहितेति भावः , तथा च प्रज्ञापना-" काउ
| णटे समढे, काउलेस्सा णं एत्तो अणिट्ठयरिया चेलेसा काललोहितेण बरणेणं साहिजइ" त्ति । हिङ्गलकः- व जाव अमणामयरिया चेव । तेउलेस्सा णं भंते ! प्रतीतो धातुः-पापाणधात्वादिस्तत्सङ्काशा, तरुण इहाभि- केरिसिया बनेणं पन्नत्ता, गोयमा! से जहानामए ससरुनवोदितः श्रादित्यः-सूर्यस्तत्सन्निभा, शुकः-प्रसिद्धस्तस्य हिरए इवा उरब्भरुहिरे इ वा वराहरुहिरे इ वा संवररुहिरे तुण्डं-मुखं शुफतुण्डं तञ्च प्रदीपश्च तन्निभा वा , पठन्ति
इ वा मणुस्सरुहिरे इ वा इंदगोपेइ वा वालेंदगोपे इ वा च-'सुयतुंडालत्तदीवाभा' अन्ये तु ' सुयतुंडग्गसंकासा' द्वयमपि स्पष्टम् , तेजोलेश्या तु वरातो रक्तेति भा
वालदिवायरे इ वा संझारागे इ वा गुंजद्धरागे इवा वार्थः । हरितालो-धातुविशेषस्तस्य भेदो द्विधाभावस्त- जातिहिंगुले इ वा पवालंकुरे इ वा लक्खारसे इ वा सङ्काशा . भिन्नस्य हि वर्णप्रकर्षों भवतीति भेदग्रहणम् , लोहितक्खमणी इ वा किमिरागकंबले इ वा गयतालुहरिद्रेह पिण्डहरिद्रा तस्या भेदस्तत्संनिभा , सणो-धाम्यविशेषः असनो-बीयकस्तयोः कुसुमं तन्निभा, पनवेश्या
ए इ वा चीणपिट्ठरासी इ वा परिजायकुसुमे इ वा तु वर्णतः पीतेति गर्भार्थः । शङ्ख:-प्रतीतः, अको-मणिविशे
जामुमणकुसुमे इ वा किंसुयपुप्फरासी इ वा रत्तुप्पले पः कुन्दः कुन्दकुसुम-तन्सङ्काशा, क्षीरं-दुग्धं तूसकं-तूलं
इवा रत्तासोगे इ वा रत्तकणवीरए इ वा रत्तबंधुयपाठान्तरतः पूरी वा-क्षीरप्रवाहः , अन्ये तु 'धारि' त्ति
जीविए इ वा, भवेयारूवे ?, गोयमा ! णो इणद्वे पठन्ति तद्ग्रहणं तु भाजनस्थस्य हि तशादन्यथात्वमपि समद्वे। तेउलेसा णं एत्तो इदुतरिया चेव जाव मसंभवतीति तत्समप्रभा , रजतं- रूप्यं हारो-मुक्ताकलाप. णामतरिया चेव बन्नेणं पन्नत्ता । पम्हलेसा णं भंते ! स्तन्सङ्काशा शुक्ललेश्या तु वर्णतः शुक्नेति हृदयमिति सूत्र
केरिसिया बनेणं पन्नत्ता, ?, गोयमा ! से जहानामपदार्थः । उत्त० ३४०। (१०) विशेषतो वर्णाधिकारः
ए चंपे इ वा चंपयछल्ली इ वा चंपयभेदे इ वा हाकण्हलेसा णं भंते ! बन्नेणं केरिसिया पन्नत्ता ?, गो-लिद्दा इ वा हालिद्दगुलिया इ वा हालिद्दभेदे इ वा हयमा! से जहानामए जीमूते इ वा अंजणे इ वा रियाले इ वा हरियालगुलिया इ वा हरियालभेदे इ वा खंजणे इ वा कजले इ वा गवले इ वा गवलए इ| चिउर इ वा चिउररागे इ वा सुवन्नसिप्पि इवा वरकणगवा जंवफले इ वा अदारिद्रुपुष्फे इ वा परपुढेइ वा भ- णिहसे इ वा वरपुरिसवसणे इ वा अल्लइकुसुमे इ वा चंपयकुमरे इ वा भमरावली इ वा गयकलभे इ वा किरह- सुमे इ वा करिणयारकुसुमे इ वा कुहंडयकुसमे इ वा सुवकेसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा किण्हासोए इ वा मजुहिया इ वा मुहिरनियाकुसुमे इ वा कोरिंटमल्लदामे इकण्हकणवीरए इ वा काहबंधुजीवए इ वा , भवे ए- वा पीतामोगे इ वा पीतकणवीरे इ वा पीतबंधुजीवए तारूवे ? , गोयमा! णो इणडे समडे, कण्हलेम्या | इवा, भवेयास्वे?, गोयमा ! णो इणद्वे समढे, पणं इत्तो अणिट्ठयरिया चेव अकतयरिया चेव अप्पि- म्हलेम्मा णं एनो इट्टतरिया० जाव मणामयरिया यतरिया चेव अमणुनतरिया चेव अमणामतरिया च- चेव वन्नेणं पन्नना । सुकलेस्सा णं भंते ! केरिमिया व वनेणं पन्नत्ता । नीललेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्ने- बन्नेणं पन्नत्ता ?, गायमा ! से जहानामए अंके इ णं पनत्ता ? , गोयमा ! से जहानामए भिगए इ वा | वा संखे इ वा चंदे इ वा कुंदै इ वा दगे इ वा दभिंगपत्ते इ वा चासे इ वा चासपिच्छए इ वा मुए गरए इ वा दधी इ वा दहिवणे इ वा खीरे इ वा इ वा सुयपिच्छे इ वा सामा इ वा वणराइ इ वा उचं- खीरपूरए इ वा मुक्कच्छिवाडिया इ वा पेहुणमिजिया इवा तए इ वा पारेवयगीवा इ वा मोरगीवा इ वा हल- धंतधोयरुप्पपट्टे इ वा सारदबलाहए इ वा कुमुददले इ वा हरवसणे इ वा अपसिकुसुमे इ वा वणकुसुमे इ वा | पोउरीयदले इ वा मालिपिहरामीति वा कुडगपुप्फरासी ति
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