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परिमा अन्निधानराजन्तः।
परिसा शनिबन्धनमुक्तम् । संप्रत्येतदेवोपसंहरमाह-( से तेणट्रेण- | "महिडीए जाव पभासेमाणे से णं तत्थ वायालीसाए मित्यादि) पाठसिद्धम् । यानि तु 'समिया चराडा जाता' इति भवणावासलयसहस्लाणं छरहं सामाणियसाहस्सीणं वानामानि तानि कारणान्तरनिवन्धनानि कारणान्तरं च न. वत्तीलाए तावत्तीसगाणं चउराहं लोगपालाणं छरहं अग्गस्थादवसातव्यम्।
माहे सीणं सपरिवाराणं तिरह परिसाणं सत्तरह लिया. अत्र संग्रणिगाथा
हिवईणं चउवीसाए श्रायरक्वदेवसाहस्सीणं अमास च "चउवीसट्टाऽवीसा वत्तीससहस्त देव चमरस्स। बडूगं दाहिलाणं नागकुमाराणं देवाणं देवणिय आहेवश्चं. अधुट्टा तिन्नि तहा, प्राडाइजा य देविसया ॥१॥
जाव विहरतीति "पाठसिद्धम् । अड्डाइजा दोनि दि-बड्डपतियं कमेण देवतिई।।
स्थितिःपलिग्रंदिवड्डमगं. आद्धा देवीण परिसासु ॥२॥"
धरणस्म णं रनो अभिंतरियाए परिसाए देवाणं केवईबल्यादीनाम्
कालं ठिई पामत्ता । मज्झिमियाए परिसाए देवाणं केवइयं बलिस्स णं भंते ! बहरोयणरमो कइ परिसाओ पन्नत्ताओ?। गोयमा ! तिमि परिसाओ परमत्ताओ । तं जहा-समि
कालं ठिई पामत्ता ?, बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं या, चंडा, जाया । अभितरिया समिया, मज्झिामया चंडा,
कालं ठिई पन्नता?, अभिंतरियाए परिसाए देवीणं केवइयं
कालं ठिई पन्नता ?,मज्झिमियाए परिसाए देवीग केवइयं बाहिरिया जाया । बलिस्प्त णं वइरोयमिंदस्स वइरोयणरन्नो
कालं ठिई पन्नता ?, बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं अभितरियाए परिसाए कइ देवसहस्सा ?,मज्झिमियाए प
कालं ठिई पत्ता। गोयमा! धरणस्त रनो अभिंतरिरिसाए कइ देवसहस्सा. जाव बाहिरियाए परिसाए कइ
याए परिसाए देवाणं साइरेगं अद्धपलिअोवमं ठिई पन्नत्ता, देविसया पामता गोयमा बलिस्स णं वइरोयणिदस्स
मज्झिमियाए परिसाए देवाणं अद्धपलिओवमं ठिई पन्नत्ता अभितरियाए परिसाए वीसं देवसहस्सा पन्नत्ता, म- |
बाहिरियाए परिसाए देवागं देसूर्ण अद्धपलिओवमं ठिई पझिमियाए परिसाए चउवीसं देवसहस्सा पनत्ता, बाहि
बना,अभिंतरियाए परिसाए देवीण देमूणं अपलिओरियाए परिसाए अट्ठावीसं देवसहस्सा पन्नता, अमित--
वमं ठिई पनत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं साइरेगं रियाए परिसाए अपंचमा देविसया पत्रता, मज्झिमि- चउब्भागपलिअोवमं ठिई पन्नता, बाहिरियाए परिसाए देयाए परिसाए चत्तारि देविसया पन्नत्ता, वाहिरियाए परि-|
वीणं चउभागपलिओवर्म ठिई पन्नत्ता,अहो जहा चमरस्स। साए अहदेविसया पनत्ता ।
भूतानन्दस्यबस्यादीनां स्थितिः
भूपाणंदस्स णं भंते ! नागकुमारस्स रनो अभिंतरियाबलिस्स द्विए पुच्छा ? जाब बाहिरियाए परिसाए दे
ये परिसाए कइ देवसाहस्सियाओ पन्नताओ?, मज्झिमाए वाणं केवइयं कालं ठिई पमता । गोयना ! बलिस्स बइरो
परिसाए कइ देवसाहस्सीओपन्नताओ ,बाहिरियाए परियणिंदस्स भितरियाए परिसाए देवाणं अट्ठपलिओव
साए कई देवसाहस्सीओ पाणत्ताओ?,अभिंतरियाए परिमाई ठिई पन्नत्ता. मज्झिमाए परिसाए तिनि पलिओवमा
साए कइ देवीसया पन्नत्ता?,मज्झिमाए परिसाए कइ देविइंठिई पनत्ता,बाहिरियाए परिसाए अड्डाइजाई पलिशोब- सया पन्नता,बाहिरियाए परिसाए कइ देवीसया पन्नत्ता। माई ठिई पन्नत्ता,अभितारयाए परिसाए देवाणं अड्डाइजाई गोयमा ! भूयाणंदस्सणं नागकुमारन्नो अन्भिंतरियाए परिपलिओवमाई ठिई पन्नता. मज्झिमियाए परिसाए देवीणं
साए पत्रासं देवसहस्पीओ पन्नताओ.. मज्झिमियाए परिदोपलिओवमाई ठिई पन्नता, बाहिरियाए परिसाए दे । साए सहिदेवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ,बाहिरियाए परिसाए सवीणं दिवढे पलिअोवमं दिई पन्नता, सेस जहा चमरस्स
तरि देवसाहस्सीओ पन्नताओ,अम्भिंतरिथाए परिसाए दोपअतुरिंदस्स असुरकुमाररनो ।
रणवीसा देविसया पामता,मज्झिमियाए परिसाए दो देविधरणाऽऽदीनाम्धरणस्स णं भंते : नागकुमारिंदस्स नागकुमारनो कद
सया पन्नता,बाहिरियाए परिसाए परमत्तरदेविसयं पनत्तं ।
स्थितिःपरिसाओ पल ताओ ? । गोयमा ! तिनि परिसायो ताओ
भूयागंदस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स नागकुमाररत्रो चेव जहा चमरस | धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकु-| अतिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता, माररमो अभितरियाए परिसाए सहि देवसहस्सा पमत्ता,
मझिपाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पनता ?, मज्झिमियाए सत्तरि देवसहस्सा पएणत्ता, बाहिरियाए अ- बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ?, सीति देवसहस्सा पएणत्ता, अभितरपरिसाए पत्रत्तरं दे- | अभिंतरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता?, विसयं पन्नतं, मज्झिमियाए परिसाए पन्नासं देविसयं प | मज्झिमियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नता, अत्तं, बाहिरियाए परिसाए पणवीसं देविसयं पन॥ । बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पम्मत्ता
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