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( १११२ ) अभिधान राजेन्द्रः ।
पोगल परिय
असंखेज्जहा विकज्जइ । दुहा कज्जमाणे एगयो परमापोले एगो असंखेजपरसिए खंधे भवर, एवं ०जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे भवइ, एगयो | असंखेञ्जपएसिए खंधे भवइ । श्रहवा एगयओ संखेज्जएसिए खंधे एगयओ श्रसंखेजपएसिए खंधे भवइ ११ । हवा - दो श्रसंखेजपरसिया खंधा भवंति १२ । तिहाकजमाये एग दो परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेजपरसिया खंधा भवंति १ | अहवा - एगयो परमाखुपोग्गले एगयओ दुपदेसिए एगय असंखेज्जपए सिए खंधे भवति । एवं० जाव अहवा एगयो परमाणुपोग्गले एगओ दसपरसिए खंधे एगयओ असंखेज्जपए सेए खंधे भवइ १० । अह्नवा-एगओ परमाणुपोगले एगयो संखेज्जपरसिए खंभे एगयओ असंखेज पर सिए खंधे भवइ ११ | अहवा - एगयो परमाणुपोग्गले एगयओ दो संखेजपरसिया खंधा भवति १२ । श्रहवा - एगयओ दुपदेसिए खंधे एगो दो श्रसंखेज्जपएसिया खंधा भवंति १३ । एवं ० जाव अहवा - एगयओ संखेजपए सिए खंधे एंगओ दो असंखे अपदेसिया खंधा भवंति २२ । अहवा - तिमि श्रसंखेजपसिया खंधा भवति २३, चउदा कअमाणे एगयओ तिथि परमाणुपोग्गला एगयओ असंखे
एसिए खंधे भवइ । एवं चउक्कसंजोगो० जाव दसकसजोगो एवं जहेब असंखेजपरसियस वरं असंखेज्जयं एगं अन्भद्दियं जाणियां ० जाव अहवा-दस असंखेअपएसिया खंधा भवंति । संखेजहा कज्नमाणे एगयो संखेजा परमाणुपोग्गला एगयो असंखेज्जपरसिए खंधे भवइ ।
हवा एगो संखेजा दुपएसिया खंधा एगयो अ संज्ज एसिए खंधे भवइ, एवं ०जाव अहवा - एगय श्रो संखेज्जा दसपएसिया खंधा एगयओ असंखे अपएसिए खंधे भव, अवा - एगयो संखेजा संखेज्जपएसिया खंधा एगो असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ, अहवा – संखेज्जा असंखेज एसिया खंधा भवति । असंखज्जहा कज्जमाणे श्रसंखज्जा परमाणुपोग्गला भवति । अंताणं भंते! परमाणुपोग्गला जाव किं भवंति ? | गोमा ! भयंneसिए खंधे भवइ, से भिज्ञमाणे दुडा चि तिहा वि० जाव दसहा वि संखेजदा असंखेजहा भयंता वि कज्जइ, दुहा कज्जप्राये एगयो परमाणुपोग्गले एगो असंतपदेसिए खंधे भवड़ एवं ०जाव अहवा दो अणतपदेसिया खंभा भवं ति, तिहा कज्जमाणे एगयत्र दो परमाणुपोग्गला एगयओ तपसिए संत्रे भवइ । अवा-गयओ परमाणु
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पोग्गल परिष पोगले एगो दुपदेसिए एगयओ अणतपदेसिए खंधे भवइ जाव प्रहवा - एगयओ परमाणुपोग्गले एगयो असंखेज्जपरसिए खंधे एगयो भयंत एसिए खंधे भवइ । श्रहवा - एगयत्रो परमाणुपोग्गले एगयश्रो दो पसिया खंधा भवंति अहवा एगयो दुपदेसिए खंधे एगयओ दो श्रतएसिया खंधा भवति । एवं ०जा एगयो दसपएसिए खंधे एगयश्रो दो श्रतपदेसिया खंधा भवंति | अहवा - एगयओ संखेजपएसिए खंधे एगयओ दो श्रतएसिया खंधा भवंति । श्रहना- एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे एगयओ दो अ
तपदेखिया खंधा भवंति । श्रहवा - एगयों संखेजपदेसिए खंधे एगओ दो अणतपरसिया खंधा भवंति । अवा-तिष्ठितपदेसिया खंधा भवंति २५ । चउहा कजमाणे एगयओ तिमि परमाणुपोग्गला एगयओ अतपदेसिए खंधे भवइ । एवं चउक्कसंजोगो ०जाव श्रसंखेजसंजोगो । एए सब्बे जहेब असंखजाणं भणिया तहेव जाव श्रताण वि भाणियन्त्रं वरं एवं अणंतगं अमहियं भाषियव्वं जाव श्रहवा एगयओ संखेज्जा संखेज्जपदेसिया खंधा एगयओ अयं तपदेसिए खंधं भवइ । श्रहवा - एगयओ संखेज्जा अणतपदेसिए खंधा एगमो श्रणतपदेसिए बंधे भवइ । अवा-संखेज्जा अतपदेसिया खंधा भवति । असंखेज्जहा कज्जना एगयओ श्रसंखेज्जा परमाणुपोग्गला एगयओ अतपदेसिए खंधे भवइ । श्रहवा एगयओ असंखेज्जा दुपए सिया खंधा एगो तपएसिए खंधे भवइ०जाव अहवा एगयो असंखेज्जा संखेज्जपएसिया खंधा एगमश्र अतदेसिए खंधे भव । श्रहवा एगयओ असंखेज्ना असंखेएसिया खंधा एगयओ अतपदेसिए खंधे भवइ । अअसंखेज्जा अणतपदेसिया खंधा भवंति । जमाअता परमाणुपोग्गला भवंति ५७५ । भंते ! परमाणुपोग्गलाणं साहयणाभेदाणुवाणं वाणं पोग्गलपरियहाणं श्रणंतागुंता पोग्गलपरिया समणुगंतन्त्रा भवतीतिमक्खाया १ । हंता गोया ! एसि णं परमाणुपोग्गलाणं साहणाया भेदामु
हवा - एग अता एसि णं
• जाब मक्खाया।
( एगयओ ति ) एकत्वतः - एकतयेत्यर्थः । ( साहतिति ) संहन्येते - संहती भवत इत्यर्थः । द्विप्रदेशिक स्कन्धस्य भेदे एको विकल्पः, त्रिप्रवेशिकस्य द्वौ. चतुःप्रदेशिकस्य चत्वारः, पञ्चप्रदेशिकस्य षट् पद्मदेशि कस्य दश, सप्तप्रदेशिकस्य चतुर्द्दश, अष्टप्रदेशिकस्यैकविंशतिः, नव प्रदेशिक स्याष्टात्रिंशतिः, दशप्रदेशिकस्य चत्वारिंशत्, सं
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