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जैन आगम वनस्पति कोश
समूहबद्ध होकर निकली हुई रहती है। नारीपुष्पों की मंजरियां ४ से १० इंच लम्बी होती है। फल ३ पंख वाले और बीज भी आधार पर सपंख होते हैं। कंद छोटे आकार का भूरे रंग का होता है, जिस पर सूअर की तरह रोम होते हैं। यह भीतर से पीताभ श्वेत होता है। इसकी अन्य जातियों का भी प्रयोग किया जाता है। कुछ में कंद बहुत गहरे बैठते हैं तथा वे अधिक मुलायम होते हैं। (भाव०नि०गुडूच्यादिवर्ग० पृ०३८६, ३८७)
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वसभमंस
वसभमंस (वृषभमांस) वृषभकंद
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सू०१०/१२०
(वैद्यक शब्द सिंधु पृ०६६८)
वृषभः । पुं । ऋषभके। वृषभ के पर्यायवाची नाम
ऋषभो वृषभो धीरो, विषाणी द्राक्ष इत्यपि । ऋषभ, वृषभ, धीर, विषाणी, द्राक्ष ये नाम ऋषभक (भाव०नि० हरीतक्यादिवर्ग० पृ०६१) उत्पत्ति स्थान - यह हिमालय पर्वत के शिखर पर उत्पन्न होता है।
के हैं।
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विवरण- इसका कंद ठीक लहसुन के कंद के समान होता है, सार रहित, बारीक पत्ते होते हैं। यह वृषभ (बैल) के सींग के आकार का होता है। (भाव०नि० पृ०६१) देखें रसभेय शब्द |
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