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________________ जैन आगम : वनस्पति कोश सिरिलि सिरिलि ( ) चीड़ ? भ०७/६६ जीवा०१/७३ उ०३६/६७ विमर्श - सिरिलि शब्द संस्कृत भाषा का शब्द नहीं है। क्योंकि आयुर्वेद के शब्दकोशों में कहीं नहीं मिलता है । यह अन्य भाषा का शब्द है। निघंटुआदर्श के उत्तरार्द्ध पृ०५४६ में सीरली शब्द मिलता है। यह जौनसर भाषा का शब्द है। संभव है सीरली और सिरिलि शब्द एक ही अर्थ का वाचक हो । सरल (चीड) के भाषाओं में नाम सं० - सरल, श्रयाह्नपीतद्रु, स्निग्धदारु, सिद्धदारु नमेरु । हि० - चीड़, चीढ़। जौनसर० - सरोल, सीरली । नेपाल० - धूप | कु० - सल्ल । क० - चीर ! अंo - Chir pine (चिरपाइन) long leaved pine (लोंगलीह्वडपाइन) । ले० - Pinus longifolia (पाइनस लौंगीफोलिया) । ( निघंटु आदर्श उत्तरार्द्ध पृ०५४६) सिरिस सिरिस (शिरीष) सिरस ठा०१०/८२/१ ओ० ६ जीवा०३/५८३ देखें सिरीस शब्द | COOO सिरीस सिरीस ( शिरीष ) सिरस भ०२२/३ जीवा०३/२८४५०१ / ३६ / ३ विमर्श - प्रज्ञापना सूत्र में सिरीस शब्द बहुबीजकवर्ग के अन्तर्गत है । सिरस की फली में ८ से १२ बीज होते Jain Education International 1 शिरीष के पर्यायवाची नाम शिरीषो भण्डिलो भण्डी, भण्डीरश्च कपीतनः । शुकपुष्पः शुकतरु, मृदुपुष्पः शुकप्रियः । ।१३।। शिरीष, भण्डिल, भण्डी, भण्डीर, कपीतन, शुकपुष्प शुकतरु, मृदुपुष्प और शुकप्रिय ये सब शिरीष के संस्कृत नाम हैं। (भाव०नि० वटादिवर्ग० पृ०५१८) अन्य भाषाओं में नामहि० - सिरस, सिरिस । बं० - शिरीषगाछ । म० - शिरस, चिचोला । गु० - सरसडो, काकीयो, सरस क० - वागेमर । ते० - दिरसन । ता० - वाकै । ले०-Albizzialebbeck Benth (आल्वीजिया लेबेक) Fam. Leguminosae (लेग्युमिनोसी) । उत्पत्ति स्थान - यह प्रायः सब प्रान्तों में पाया जाता है तथा लगाया भी जाता है। विवरण- सिरस के वृक्ष बड़े-बड़े और सघन होते हैं। पत्ते इमली के पत्तों के समान उपपक्ष २ से ४ जोड़े; पत्रक ३/४ से २.२५ इंच लम्बे, ६ से ८ जोड़े, तिर्यक्, कडे एवं छोटे वृ से युक्त होते हैं। प्रधान पर्णवृन्त के आधार पर एक बड़ी ग्रन्थि होती है । पुष्प सवृन्त हरिताभ पीत, मुण्डक में आते हैं । फली ६ से १२ इंच लम्बी, १ से १.२५ इंच चौड़ी पतली, हलके पीले रंग की होती है, जिनमें ६ से १० बीज होते हैं। इसका एक अन्य भेद श्वेतशिरीष पाया जाता है। (भाव०नि० पृ०५१६) 1 सिरीस कुसुम सिरीस कुसुम (शिरीष कुसुम) सिरस के फूल उत्त०३४/१६ विमर्श - प्रस्तुत प्रकरण में सिरीस कुसुम स्पर्श की उपमा के लिए प्रयुक्त हुआ है। इसका पुष्प बहुत ही कोमल होता है। विवरण- पुष्प प्रायः हरापन लिए पीतवर्ण श्वेताभ बहुत ही कोमल अति सुगंधित १.५ इंच लम्बे । (धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग ६ पृ०३५३) सिस्सिरिल ( 289 पाई है। .... सिस्सिरिलि ) भ०७/६६ जीवा० / ७३ उत्त०३६/६७ विमर्श - अभी तक इस शब्द की पहचान नहीं हो For Private & Personal Use Only DOOO सीउंढी सीउंढी (सीहुड) कांटाथूहर देखें सिउंढि शब्द | जीवा ०१ / ७३ www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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