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जैन आगम : वनस्पति कोश
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थोड़े बह
बहत छोटे एवं अखंड या खंडित होते हैं। फल श्रेत इसे पीतपष्पा भी कहते हैं। तरवड यह हिन्दी भाषा तथा रंग के या कुछ-कुछ गुलाबी होते हैं और समशिख क्रम मराठी भाषा का शब्द है। संस्कृत में इसका शब्द से शाखाओं पर पाये जाते हैं। ये प्रायः एक लिंगी होते आवर्तकी है। हैं। वृन्तपत्रक-फल के इतने लम्बे आयताकार रेखाकार आवर्तकी के संस्कृत में नामहोते हैं। बाह्यकोश-पुष्पित होते समय बाह्यदल के खंड आवर्तकी तिन्दुकिनी, विभाण्डी पीतकीलका।। क्वचित् व्यक्त लेकिन बाद में करीब १२, रेखाकार, चर्मरङ्गा पीतपुष्पा, महाजाली निरुच्यते।।१६८ // रोमयुक्त खंडों में दिखलाई देते हैं। आभ्यन्तर कोश-यह तिन्दुकिनी, विभाण्डी, पीतकीलका, चर्मरङ्गा, कुप्पी के आकार का पांच खंडों से युक्त तथा फैला हुआ पीतपुष्पा,महाजाली ये आवर्तकी के पर्याय हैं। होता है। फल रोमश या करीब-करीब रोम हीन होते हैं।
(धन्व०नि०१/१६८ पृ०७४) (भा०नि० कर्पूर्रादिवर्ग०पृ०१६६,२०१) अन्य भाषाओं में नाम
हि०-तरवड़, तरवर, खखसा, तरोंदा, आलूण। तडवडा कुसुम
मु०-तरवड, चांभारतरोटा, चांभार आवडी। गु०-आवल ।
बं०-बर्वेर, बरातरोदा। अ०-Tanneris cassia (टेनर्स तडवडा कुसुम। (तरवडका फूल)
केसिया ले०-Cassia Auriculata (केसिया आरिकुलेटा)। रा०२८ जीवा०३/२८१
उत्पत्ति स्थान-इसके क्षुप दक्षिण भारत में मध्य तरवड (आँवल) .
प्रदेश, बरार, तथा गुजरात, काठियावाड, कच्छ, CASSIA AURICULATA LINN.
राजस्थान आदि प्रायः शुष्क स्थानों में अधिक पाये जाते
RE.का भाग
विवरण-शिम्बीकुल के पूतिकरंज उपकुल के, इसके क्षुप अनेक शाखायुक्त, ५ से ६ फुट ऊंचे। पत्र इमली के पत्र जैसे, प्रत्येक सींक पर ८ से १२ तक संयुक्त। पुष्प वर्षाकाल में, पीतवर्ण के छोटे, चमकीले, गुच्छों में, फली लम्बी-चपटी, पतली, तीक्ष्ण नोकदार, भूरे रंग की; १ से ५ इंच लम्बी, १/२ से ३/४ इंच चौड़ी। बीजगोल, चिपटे, छोटे-छोटे, प्रत्येकफली में १० से २० तक होते हैं। ___ इसकी छाल कपड़ा रंगने के काम में अधिक उपयोगी होने से इसे चर्मरंगा कहते हैं।
(धन्व० वनौ० विशे० भाग ३ पृ० ३१७)
MODEO, पुष डोरिट
पुणकाट
* शारण विमर्श-प्रस्तुत प्रकरण में पीले रंग की उपमा में इस तडवडकुसुम शब्द का प्रयोग हुआ है। संस्कृत में
तण तण (तृण) रोहिसघास भ०२०/२० प०१/४४/१
तृणम्। क्ली०। कत्तृणे। नडादौ तृणवर्गे। त्रिधा वंशः कुशः कास स्त्रिधा...नलः, गुन्द्रो मुओ दर्भ मेथी, चणकादिगणस्तृणम्। वंश, कुश, कास, नल, गुन्द्र, मुअ, दर्भ, मेथी,
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