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जैन आगम : वनस्पति कोश
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देखें जासुमण शब्द।
हैं।
पिण्डपुष्पं हेमपुष्पं, त्रिसन्ध्या त्वरुणासिता
जपापुष्प, जवापुष्प, ओण्ड्रपुष्प, जवा, जपा पिण्डपुष्प, हेमपुष्प, त्रिसन्ध्या और अरुणासिता ये पर्याय जपा के
(कैयदेव०नि० ओषधिवर्ग० पृ०६२७) अन्य भाषाओं में नाम
हि०-ओड्रहुल, ओडहुल, अढौल, गुडहल, जवाकुसुम । बं-जवाफूल । म०-जास्वंद । गु०-जासुस, जासुद । तेo-दासनमु । ता०-शष्यात्तुप्पु । कo-दासणिगे। फा०-अंगिराहिन्दी। अंo-Shoe Flower(शू फ्लावर) ले०-Hibiscus Rosa Sinensis (हिबिस्कस् रोजा साइनेन्सिस) Fam. Malvaceae (माल्वेसी)।
(भाव०नि०पृ० ५०७) उत्पत्ति स्थान-यह समस्त भारतवर्ष के बाग बगीचों में लगाया जाता है।
विवरण-पुष्पादि वर्ग का एवं नैसर्गिक क्रमानुसार कार्पासकुल का अनेक शाखा प्रशाखा युक्त छोटा वृक्ष होता है। पत्र शहतूत के पत्र जैसे, अण्डाकार, दन्तुर, तीक्ष्णाग्र तथा पुष्प वर्षा व ग्रीष्म में लाल रंग के और श्वेताभ लाल रंग के घंटाकार होते हैं। पुष्प एकहरा, दुहरा, तिहरा, लाल, श्वेत या श्वेताभ लाल, पीले आदि ३-४ रंग के होते हैं। इनमें लाल सर्वत्र तथा श्वेत भी अनेक स्थलों में सुलभ है । श्वेत या श्वेताभ लाल रंग के पुष्प वाला गुड़हल विशेष लाभकारी होता है। बीजकोष पुष्प की पंखुड़ियों के मध्यवर्ती कोमल सलाका पर गोल-गोल केसरिया रंग के हैं। ये ही या इसमें ही अनेक बीज होते हैं। इसमें अलग कोई फल नहीं लगते।
(धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग २ पृ० ४१०)
जियंतय जियंतय (जिवन्तक) जिवसाग,
भ० २०/२० प० १/४४/२ जीवन्तः (क:) पुं। जीवशाके मालवदेशप्रसिद्ध ।
(वैद्यक शब्द सिंधु पृ० ४६७) जीवन्तक के पर्यायवाची नाम
जीवन्तको रक्तनालस्ताम्रपत्रः प्रनालकः ।।६२४ शाकवीरः सुमधुरो, वास्तुको मार्षक: स्मृतः।।
जीवन्तक, रक्तनाल, ताम्रपत्र, प्रनालक, शाकवीर, सुमधुर, वास्तुक, मार्षक ये जीवन्त के पर्याय हैं।
(कैयदेव०नि० ओषधिवर्ग ६२४,६२५ पृ० ११५)
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जासुयण कुसुम जासुयण कुसुम (जपासुमन कुसुम) जवाकुसुम के पुष्प।
जीवा० ३/२८० देखें जासुमण शब्द।
अन्य भाषाओं में नाम
हि०-जिवसाग, डोडी। बं०-जिबै, जीवन्ती। म०-जीवन्ती |गु०-जिवन्ति। वाछंटी। क०हिरियांहलि। ले०-Dendrobium Macraei lindl (डेन्ड्रोबिअम् मेक्रीइ लिंड) Fam. Orchidaceae (ऑर्किडसी)।
जासुवण जासुवण (जपासुमन) जवाकुसुम प० १/३७/१
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