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________________ लेश्या-कोश ३२३ गोयमा ! ठिई पडुच्च, से तेण?णं गोयमा ! जाव महाकम्मतराए । सिय भंते ! नीललेस्से नेरइए अप्पकम्मतराए, काऊलेस्से नेरइए महाकम्मतराए ? हंता ? सिया । से केणढणं भंते ! एवं वुच्चइनीललेस्से नेरइए अप्पकम्मतराए काउलेस्से नेरइए महाकम्मतराए ? गोयमा ! ठिइ पडुच्च, से तेणणं गोयमा ! जाव महाकम्मतराए । एवं असुरकुमारे वि, नवरं तेउलेम्सा अब्भहिया, एवं जाव वेमाणिया, जस्स जइ लेस्साओ तस्स तत्तिया भाणियव्वाओ। जोइसियस्स न भण्णइ, जाव सिय भंते ! पम्हलेस्से वेमाणिए अप्पकम्मतराए सुक्कलेस्से वेमाणिए महाकम्मतराए ? हता! सिया। से केणढणं० ? सेसं जहा नेरइयस्स जाव महाकम्मतराए। -भग० श ७ । उ ३ । सू ६, ७ । पृ० ५१५ कदाचित् कृष्णलेश्यावाला नारकी अल्पकर्मवाला तथा नीललेश्यावाला नारकी महाकर्मवाला होता है। कदाचित् नीललेश्यावाला नारकी अल्पकर्मवाला तथा कापोतलेश्यावाला नारकी महाकर्मवाला होता है। ऐसा स्थिति की अपेक्षा से कहा गया है। ज्योतिषी देवों को छोड़कर बाकी दंडक के सभी जीवों में ऐसा ही जानना चाहिए, लेकिन जिसके जितनी लेश्या हो उतनी ही लेश्या से तुलना करनी चाहिए। ज्योतिषी देवों में केवल एक तेजोलेश्या ही होती है। अतः तुलनात्मक प्रश्न नहीं बनता। यावत् वैमानिक देवों में भी कदाचित् पद्मलेशी वैमानिक अल्पकर्मतर तथा शुक्ललेशी वैमानिक महाकर्मतर हो सकता है। टीकाकार ने उसे इस प्रकार स्पष्ट किया है कृष्णलेश्या अत्यन्त अशुभ परिणामरूप होने के कारण तथा उसकी अपेक्षा नीललेश्या कुछ शुभ परिणामरूप होने के कारण सामान्यतः कृष्णलेशी जीव बहुकर्मवाला तथा नीललेशी जीव अल्पकर्मवाला होता है। परन्तु कदाचित् आयुष्य की स्थिति की अपेक्षा से कृष्णलेशी अल्पकर्मवाला तथा नीललेशी महाकर्मवाला हो सकता है। जिस प्रकार कृष्णलेशी नारकी जिसने अपनी आयुष्य की अधिक स्थिति क्षय कर ली हो तथा जिसके अधिक कर्मों का क्षय हुआ हो तो उसकी अपेक्षा पाँचवीं नरक-पृथ्वी का सत्रह सागरोपम आयुष्यवाला नीललेशी नारकी जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ है तथा जिसने अपनी आयुष्य की स्थिति को अधिक क्षय नहीं किया है वह अधिक कर्मवाला होगा। अतः उपयुक्त कृष्णलेशी जीव से वह महाकर्मवाला होगा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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