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लेश्या-कोश
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उबवट्टइ ? हंता गोयमा ! कण्हलेसे पुढविकाइए कण्हलेसेस पुढविकाइएस उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उववट्टइ, सिय नीललेसे उववट्टइ, सिय काऊलेसे उववट्टइ, सिय जल्लेसे उववज्जइ सिय तल्लेसे उववट्टइ | एवं नीलकाऊलेसासु वि । से नूणं भंते! तेऊलेसेसु पुढविकाइएस उववज्जइ पुच्छा ? हंता गोयमा ! तेऊलेसे पुढविकाइए तेऊलेसेस पुढविकाइएस उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उववट्टर, सिय नीललेसे उवबट्टइ, सिय काऊलेसे उववट्टइ, तेऊलेसे उबवज्जइ, नो चेव णं तेऊलेसे उवट्टइ | एवं आउकाइया वणस्सइकाइया वि । तेउवाउ एवं चेव, नवरं एएसि तेऊलेसा नत्थि | बितियचउरिंदिया एवं चेव तिसु लेसासु | पंचेंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य जहा पुढविकाइया आइल्लिया तिसु लेसासु भणिया तहा बसु वि लेसासु भाणियव्वा, नवरं छप्पि लेसाओ चारेयव्वाओ । वाणमंतरा जहा असुरकुमारा । से नूणं भंते! तेऊलेस्से जोइसिए तेऊलेस्सेमु जोइसिएस उववज्जइ ? जहेव असुरकुमारा । एवं वैमाणिया वि, नवरं दोण्हं पि चयंतीति अभिलावो ।
-- पण्ण० प १७ | उ ३ । सू २७ । पृ० ४४३
यह निश्चित है कि कृष्णलेशी नारकी कृष्णलेशी नारकी में उत्पन्न होता है, कृष्णलेशी रूप में ही मरण को प्राप्त होता है । जिस लेश्या में वह उत्पन्न होता है, उसी लेश्या में मरण को प्राप्त होता है ।
इसी प्रकार नीललेशी नारकी भी नीललेशी नारकी में उत्पन्न होता है तथा नीलेशी रूप में ही मरण को प्राप्त होता है । जिस लेश्या में वह उत्पन्न होता है, उसी लेश्या में मरण को प्राप्त होता है ।
इसी प्रकार कापोतलेशी नारकी भी कापोतलेशी नारकी में उत्पन्न होता है तथा कापोतलेशी रूप में ही मरण को प्राप्त होता है । जिस लेश्या में वह उत्पन्न होता है, उसी लेश्या में मरण को प्राप्त होता है ।
इसी प्रकार असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों के सम्बन्ध में कहना; लेकिन लेश्या -कृष्ण, नील, कापोत तथा तेजो लेश्या कहनी चाहिए ।
यह निश्चित है कि कृष्णलेशी पृथ्वीकायिक जीव कृष्णलेशी पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होता है तथा कदाचित् कृष्णलेशी होकर, कदाचित् नीललेशी होकर,
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