SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 379
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लेश्या-कोश २१७ गमक-१-६ चतुरिन्द्रिय जीवों से मनष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.१६८ ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ( देखो पाठ ५८ १८ १५7°५८.१०८ ) -भग० श २४ । उ २१ । सू ४-६ । पृ० ८४५ .५८ १६.१३ असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (x x x असन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणियसन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिय-असन्निमणुस्स-सन्त्रिमणुस्सा य एए सव्वे वि जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणियउद्देसए तहेव भाणियव्वा xxx ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं । ( देखो पाठ ५८ १८.१६ ) -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ । पृ० ८४५ .५८ १६.१४ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यश्च योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८.१६ १३) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छ लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में छ लेश्या होती हैं । ( देखो पाठ '५८ १८ १७ ) -भग० श २४ । उ २१ । सू६ । पृ० ८४५ .५८ १६.१५ असंही मनुष्य योनि के जीवों से मन य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ असंज्ञी मनुष्य योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८१६.१३ ) उनमें पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि उद्देशक की तरह प्रथम के तीन ही गमक होते हैं तथा उन तीनों ही गमकों में तीन लेश्या होती हैं । ( देखो पाठ ·५८.१८.१८/५८ १०.११) -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ पृ० ८४५ .५८ १६ १६ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy