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लेश्या-कोश
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गमक-१-६. पंकप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ '५८.१६.३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक नीललेश्या होती है । ( देखो '५३.५ )
--भग० श २४ । उ २१ । सू२ । पृ० ८४४ .५८ १६.५ धूमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-६ धूमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८ १६.३ ) उनमें नौ गमकों में ही कृष्ण और नील दो लेश्या होती हैं । ( देखो '५३.६ )
-भग० श २४ । उ २१ । सू २ । पृ० ८४४ .५८ १६.६ तमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-६ तमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.१६-३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक कृष्णलेश्या होती है। ( देखो .५३ ७ )
---भग० श २४ । उ २१ । सू २ । पृ० ८४४ .५८ १६.७ पृथ्वीकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक–१-६ पृथ्वीकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० ? एवं जहेव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स पुढविकाइयम्स वत्तव्वया सा चेव इह वि उववज्जमाणस्स भाणियव्वा णवसु गमएसु x x x सेसं तं चेव निरवसेसं ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं। ( देखो '५८ १८८1 '५८.१०.१)
-भग० श २४ । उ २१ । सू ४-५ । पृ० ८४४ .५८ १९ ८ अप्कायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में--
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