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लेश्या-कोश द्रव्यलेश्या के छहों भेद पाँच वर्ण वाले हैं। ११.१ कृष्णलेश्या के वर्ण :
(क) कण्हलेस्सा णं भंते ! वन्नेणं केरिसिया पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए जीमूए इ वा अंजणे इ वा खंजणे इ वा कजले इ वा गवले इ वा गवलवलए इ वा जंबूफले इ वा अदारिद्वपुप्फे इ वा परपुढे इ वा भमरे इ वा भमरावली इ वा गयकलभे इ वा किण्ह केसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा कण्हासोए इ वा कण्हकणवीरए वा कण्हबंधुजीवए इ वा; भवे एयारूवे ? गोयमा ! णो इण, सम, कण्हलेस्सा णं इत्तो अणितरिया चेव अकंततरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुनतरिया चेव अमणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ।
–पण्ण० प १७ ।उ ४ । सू १२२६ । पृ० २६३ (ख) जीमूर्यानद्धसंकासा; गवलरिट्ठगसन्निभा । खंजणनयणनिभा; किण्हलेस्सा उ वण्णओ।।
-उत्त० अ ३४ । गा ४ । पृ० ३०५ (ग) कण्हलेस्सा कालएणं साहि जइ ।
-पण्ण० प १७ । उ ४ । सू १२३२ । पृ० २६५ (घ) भमरंगार - कज्जलादीणं किण्णलेस्सा ।
-षट ० पु १६ । पृ० ४८४ घने मेघ, अंजन, खंजन, काजल, बकरे की सींग, वलायाकार सींग, जामुन, अरीठे के फूल, कोयल, भ्रमर, भ्रमर की पंक्ति, गज शावक, काली केसर, मेघाच्छादित घटाटोप आकाश, कृष्ण अशोक, काली कनेर, काला बंधुजीव, आँख की पुतली, आदि के वर्ण की कृष्णता से अधिक अंकंतकर, अनिष्टकर, अप्रीतिकर, अमनोज्ञ तथा अनभावने वर्ण वाली कृष्णलेश्या होती है।
कृष्णलेश्या पंचवर्ण में काले वर्णवाली होती है। .११.२ नील लेश्या के वर्ण : ___ (क) नीललेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पत्रत्ता ? गोयमा ! से जहानामए भिंगए इ वा भिंगपत्ते इ वा चासे इ वा चासपिच्छए
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