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बिषय
'२ तिथंच की लेश्या स्थिति '३ मनुष्य की लेश्या की स्थिति '४ देव की लेश्या स्थिति '५५ लेश्या की गर्भ-उत्पत्ति '५६ जीव और लेश्या समपद '५७ लेश्या और जीव का उत्पत्ति-मरण '१ लेश्या-परिणति तथा जीव का उत्पत्ति-मरण “२ मरण काल में लेश्या-ग्रहण और उत्पत्ति के समय की लेश्या '३ मरण की लेश्या से अतिक्रान्त करने पर •५८ किसी एक योनि से स्व/पर योनि में उत्पन्न होने ___ योग्य जोवों में कितनी लेश्या । .१ रत्नप्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '२ शर्कराप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में ।
'३ बालुकाप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में ५८.४ पंकप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
'५ धूमप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में .६ तमप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '७ तमतमाप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '८ असुरकुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य अन्य गति के जीवों में ६ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में .१० पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में .११ अप्कायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में .१२ अग्निकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '१३ वायुकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में .१४ वनस्पतिकायिक जीवो में उत्पन्न होने योग्य जीवों में •१५ द्वीन्द्रिय जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में •१६ त्रीन्द्रिय जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में •१७ चतुरिन्द्रिय जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में .१८ पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '१६ मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '२० वानव्यंतर देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
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