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लेश्या-कोश वा वणराई इ वा उच्चतए इ वा पारेवयगीवा इ वा मोरगीवा इ वा हलहरवसणे इ वा अयसिकुसुमे इ वा वणकुसुमे इ वा अंजणकेसियाकुसुमे इ वा नीलुप्पले इ वा नीलाऽसोए इ वा नीलकणवीरए इ वा नीलबन्धुजीवे इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणठे समठे । एत्तो जाव अमणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता।
-पण्ण० प १७ । उ ४ । सू ३५ । पृ ४४६ (ख) नीलाऽसोगसंकासा, चासपिच्छसमप्पभा। वेरुलियनिद्धसंकासा, नीललेसा उ वण्णओ॥
-उत्त० अ ३४ । गा ५। पृ० १०४६ (ग) नीललेस्सा नीलवन्नेणं साहिज्जइ ।
-पण्ण० प १७ । उ ४ । सू ४० । पृ० ४४७ भृग, भृग की पंख, चास, चासपिच्छ, शुक, शुक के पंख, श्यामा, वनराजि, उच्चंतक, कबूतर की ग्रीवा, मोरकी की ग्रीवा, बलदेव के वस्त्र, अलसीपुष्प, वनफूल, अंजन के शिकर पुष्प, नीलोत्पल, नीलाशोक, नीलकणवीर, नीलबंधुजीव, स्निग्ध नीलमणि आदि के वर्ण की नीलता से अधिक अनिष्टकर, अकंतर, अप्रीतकर, अमनोज्ञ, अनभावने नील वर्ण वाली नील लेश्या होती है।
नील लेश्या पंचवर्ण में नील वर्णवाली होती है।
११.३ कापोत लेश्या के वर्ण । ___ (क) काऊलेस्सा णं भन्ते ! केरिसिया वन्नेणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए खइरसारए इ वा कइरसारए इ वा धमाससारे इ वा तंबे इ वा तंबकरोडे इ वा तंबच्छिवाडियाए इ वा वाइंगणिकुसुमे इ वा कोइलच्छदकुसुमे इ वा जवासाकुसुमे इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इण? सम? । काऊलेस्सा णं एत्तो अणिद्रुतरिया जाव अमणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता।
-पण्ण० प १७। उ ४ सू३६। पृ४४६ (ख) अयसीपुप्फसंकासा, कोइलच्छदसन्निभा। पारेवयगीवनिभा, काऊलेसा उ वण्णओ॥
-उत्त० अ ३४ । गा ६ । पृ १०४६ (ग काऊलेस्सा काललोहिएणं वन्नेणं साहिज्जइ।
-पण्ण० प १७ । उ४। सू पृ ४४७
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