________________
लेश्या-कोश तेजोलेशी वैमानिक देवियाँ सबसे कम, उनसे तेजोलेशी भवनवासी देषियाँ असंख्यात् गुणी, उनसे कापोतलेशी भ० देवियाँ असंख्यात गुणी, उनसे नीललेशी भ० देवियाँ विशेषाधिक, उनसे कृष्णलेशी भदेवियाँ विशेषाधिक, उनसे तेजोलेशी वानव्यन्तर देवियाँ असंख्यात गुणी, उनसे कापोतलेशी वा• देवियाँ असंख्यात गुणी, उनसे नीललेशी वा० देवियाँ विशेषाधिक, उनसे कृष्णलेशी वा० देवियाँ विशेषाधिक तथा उनसे तेजोलेशी ज्योतिषी देवियाँ संख्यात गुणी होती हैं। '८६ ३५ चारों प्रकार के देव और देवियों में :
एएसि णं भंते ! भवणवासीणं जाव वेमाणियाणं देवाण य देवणी य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४१ गोयमा ! सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा सुक्कलेसा, पम्हलेसा असंखज्जगुणा, तेऊलेसा असंखज्जगुणा, तेऊलेसाओ वेमाणियदेवीओ संखेज्जगुणाओ, तेऊलेसा भवणवासी देवा असंखेज्जगुणा, तेऊलेसाओ भवणवासिणीओ देवीओ संखेज्जगुणाओ, काऊलेसा भवणवासी असंखेज्जगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया. काऊलेसाओ भवणवासिणीओ संखेज्जगुणाओ नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेऊलेसा वाणमंतरा संखेज्जगुणा, तेऊलेसाओ वाणमंतरीओ संखेज्जगुणाओ, काऊलेसा वाणमंतरा असंखेज्जगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काऊलेसाओ वाणमंतरीओ संखज्जगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेऊलेसा जोइसिया संखेज्जगुणा, तेउलेसाओ जोइसिणीओ संखेज्जगुणाओ।
-पण्प० प १७ । उ २। सू २२ । पृ० ४४१-४२ शुक्ललेशी वैमानिक देव सबसे कम, उनसे पद्मलेशी वै० देव असंख्यात गुणा, उनसे तेजोलेशी वै० देव असंख्यात गुणा, उनसे तेजोलेशी वै० देवियाँ संख्यात गुणी, उनसे तेजीलेशी भवनवासी देव असंख्यात गुणा, उनसे तेजोलेशी भ० देवियाँ संख्यात गुणी, उमसे कापोतलेशी भ• देव असंख्यात गुणा, उनसे नीललेशी भ० देव विशेषाधिक, उनसे कृष्णलेशी म. देव विशेषाधिक, उनसे कापोतलेशी भ० देवियाँ संख्यात गुणी, उनसे नीललेशी भ० देवियाँ विशेषाधिक, उनसे कृष्णलेशी भ० देवियाँ विशेषाधिक, उनसे तेजोलेशी यानव्य तर देव संख्यात गुणा, उनसे तेजोलेशी वा देवियाँ संख्यात गुणी, उनसे कापोतलेशी वा० देव असंख्यात गुणा, उनसे नीललेशी वा० देव विशेषाधिक, उनसे कृष्णलेशी वा देव विशेषाधिक, उनसे कापोतलेशी वा० देवियाँ संख्यात गुणी, उनसे नीललेशी वा० देवियाँ विशेषाधिक, उनसे कृष्णलेशी वा. देवियाँ विशेषाधिक, उनसे तेजोलेशी ज्योतिषी देव संख्यात गुणा तथा उनसे तेजोलेशी ज्यो० देवियाँ संख्यात गुणी होती हैं।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org