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लेश्या-कोश '७८ सलेशी जीव और कर्मप्रकृति का सत्ता-बन्धन-वेदन :•७८ १ सलेशी एकेन्द्रिय और कर्मप्रकृति का सत्ता-बंधन-वेदन :___ काविहा णं भंते ! कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता, तंजहा-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया ।
कण्हलेस्सा णं भंते ! पुढविकाइया कइविहा पन्नत्ता, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढविकाइया य।
कण्हलेस्सा णं भंते ! सुहुमपुढविकाइया कइ विहा पन्नत्ता ? गोयमा ! एवं एएणं अभिलावेणं चउक्कभेदो जहेव ओहिउद्दसए, जाव वणस्सइकाइय त्ति ।
कण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइया णं भंते! कइ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ? एवं चेव एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिउद्दसए तहेव पन्नत्ताओ तहेव बन्धन्ति, तहेव वेदेन्ति ।
कइविहा णं भंते ! अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया, एवं एएणं अभिलावेणं तहेव दुयओ भेदो जाव वणस्सइकाइय त्ति ।
अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्ससुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिओ अणंतरोववन्नगाणं उद्दसओ तहेव जाव वेदेति ।
कइविहा णं भंते ! परंपरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता, तंजहा-पुढविकाइया, एवं एएणं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेदो जाव वणस्सइकाइया त्ति।
परंपरोववन्नगकण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते! कइ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ परंपरोववन्नगउद्देसओ तहेव जाव वेदेति । एवं एएणं अभिलावणं जहव ओहिएगिदियसए एक्कारस उद्दे सगा भणिया तहेव कण्हलेस्ससए वि भाणियव्वा जाव अचरिमचरिमकण्हलेस्सा एगिदिया।
एवं कण्हलेस्सेहिं भणियं एवं नीललेस्सेहि वि सयं भाणियव्वं ।
एवं काउलेस्सेहिं वि सयं भाणियव्वं, नवरं 'काउलेस्से'त्ति अभिलावो भाणियव्वो।
-भग० श ३३ । श २ से ४। पु०६१४-१५
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