________________
१४०
लेश्या-कोश गमकों में छः लेश्याए', मध्यम के तीन गमकों में पाँच लेश्याए तथा शेष के तीन गमकों में छः लेश्याएं होती हैं (५८ २४.१ )।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८। पृ० ८५० '५८ २५.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी मनुष्य योनि से माहेन्द्र देवों में उत्पन्न
__ होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से माहेन्द्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ २५.१ ) उनमें नौ गमको में ही छः लेश्याए होती हैं ( ५८२४२)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८ । पृ०८५० '५८२६ ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :५८२६.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से ब्रह्मलोक देवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( एवं बंभलोगदेवाण वि वत्तव्वया) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छः लेश्याएं, मध्यम के तीन गमकों में पाँच लेश्याए' तथा शेष के तीन गमकों में छः लेश्याएं होती हैं ( ५८२४.१)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८ । पृ० ८५० •५८२६.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न
योग्य जीवों में :-- गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८२६१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं (-५८ २४.२)। '५८२७ लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :'५८०२७.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से लांतक देवों में
__उत्पन्न होने योग्य जीवों में :- गमक–१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि से लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (xxx जहा सणंकुमारगदेवाणं वत्तव्वया तहा माहिंदगदेवाणं भाणियव्वा। xxx एवं जाव - सहस्सारो। xxx लंतगादीणं जहन्नकालठ्ठिश्यस्स तिरिक्खजोणियस्स तिसु वि गमएसु छप्पि (छव्वि ?) लेस्साओ कायव्वाओ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं।
-भग० श० २४ । उ २४ । प्र १८ । पृ० ८५०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org