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________________ लेश्या - कोश • ४८ भावलेश्या के भेद ४८. १ लेश्या परिणाम के भेद लेस्सापरिणामे णं भंते! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! छवि हे पन्नत्ते, तंजहाकण्हलेस्सापरिणामे, नीललेस्सापरिणामे, काऊलेस्सापरिणामे, तेऊलेस्सापरिणामे, पम्हलेस्सापरिणामे, सुक्कलेस्सापरिणामे । ५६ Jain Education International पण्ण० प १३ । सू २ | पृ० ४०६ श्यापरिणाम के छः भेद हैं, यथा १ - कृष्णलेश्या परिणाम, २ - नीललेश्या परिणाम, ३ - कापोतलेश्या परिणाम, ४- तेजोलेश्या परिणाम, ५ – पद्मलेश्या परिणाम तथा ६ – शुक्लेश्या परिणाम । - - ४६ विभिन्न जीवों में लेश्या परिणाम ( नेरइया ) लेस्सा परिणामेणं कण्हलेस्सा वि, नीललेस्सा वि, काऊलेस्सा वि । ( असुरकुमारा ) कण्हलेस्सा वि जाव तेऊलेस्सा वि । x x एवं जाव थणियकुमारा । ( पुढविकाइया) जहा नेरइयाणं, नवरं तेऊलेस्सा वि एवं आउवणस्सइकाइया वि । वाउ एवं चेव, नवरं लेस्सापरिणामेणं जहा नेरइया । बेदिया जहा रइया | एवं जाव चउरिदिया । पंचिदियातिरिक्खजोणिया, नवरं लेस्सा परिणामेणं जाव सुक्कलेस्सा वि । ( मणुस्सा ) लेस्सापरिणामेणं कण्हलेस्सा वि जाव अलेस्सा वि । ( वाणमंतरा) जहा असुरकुमारा । ( एवं जोइसिया ) नवरं लेस्सापरिणामेणं तेऊलेस्सा | (मणिया नवरं लेस्सापरिणामेणं तेऊसा वि, पम्हलेस्सा वि, सुक्कलेस्सा वि । - पण्ण० प १३ । सू ३ | पृ० ४०६-१० श्यापरिणाम से नारकी कृष्णलेशी, नीललेशी, कापोतलेशी है । असुरकुमार कृष्णलेशी नीलेशी, कापोतलेशी, तेजोलेशी है । इस प्रकार स्तनित्कुमार तक जानो । जैसा नारकी के लेश्यापरिणाम के विषय में कहा - वैसे ही पृथ्वीकाय के लेश्या परिणाम के विषय में जानो परन्तु उनमें तेजोलेशी भी है। इसी प्रकार अपकाय, वनस्पतिकाय के विषय में जानो । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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