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विषय
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.३५ राजगृही में
१८५ .३६ काम्पिल्यपुर नगर में .३७ शौरिकपुर नगर में
१८६ .३८ हस्तिशीर्ष नगर में
१८६ हस्तिशीर्ष नगर से अन्यत्र विहार
१८७ .३६ काकंदीनगरी में
१८७ .४० कुंडयाम-ब्राह्मण कुंडग्राम-क्षत्रिय कुंडग्राम में
१८८ (घ) अपापा के बाद
१६. देवानन्दा की दीक्षा के बाद
१६० .४० मौका नगरी में
१६० .४१ तुंगिया नगरी के धावकों के समय-काल मे
१६१ .४२ राजगृह नगर में (क) मेघकुमार दीक्षित हुआ उस वर्ष
१६१ राजगृह नगरी में पदार्पण
१६१ राजगृह के वैभारगिरि पर पदार्पण
१६५ .१२ पोतनपुर से राजगृह
१६५ .१३ कालोदाई आदि के समय में
१६५ .२१ राजगृही में पदार्पण
१६८ .२२ शालिभद्र-धन्यमुनि के साथ प्रभु राजगृह पधारे
१६६ .२३ रोहणीय चोर था-उस समय राजगृह में पदार्पण
१६६ .२४ विपुलाचल पर्वत पर .२८ ग्रामानुग्राम विहार करते हुए भगवान राजगृह के बाहर स्थित
विपुलाचल पर्वत पधारे .३१ ज मक ग्राम से विहार (केवल्य ज्ञान की
प्राप्ति के बाद प्रथम विहार) अपापा नगरी की ओर बिहार अपापा नगरी में (चतुर्विध संघ की स्थापना के बाद) अपापा नगरी से
२०३ अन्तिम-अपापा नगरी (ग) भगवान का विपुलाचल से विहार करते हुए पावापुरी आगमन २०३ (घ) भगवान का अन्तिम विहार-पावापुरी
२०४ (च) अन्तिम विहार-पावापुरी
२०५ .६ भगवान महावीर के समीप देवों का आगमन
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