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समर्पण
महामहिम युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी हमारे निर्णायक रहे हैं। जीवन की नाव आवों से बचकर, ज्वारों को लांघकर जो मंजिलें पार कर रही है, उसमें निर्यायक का कौशल एक अप्रतिम हेतु भी है। युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी ने तेरापंथ धर्म संघ में साहित्य की अनेक धाराभों का सूत्रपात किया, जिसमें एक धारा आगम कोश की है। जिन्होंने मेरे मन में श्रत की धार प्रवाहित की, उन आगमों के वाचना प्रमुख युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी को मैं वर्धमान जीवन कोश द्वितीय खंड सभक्ति, सविनय समर्पित करता हुआ अपूर्व आनन्द का अनुभव कर रहा हूं।
-श्रीचन्द चोरड़िया
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