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वर्धमान जीवन कोश- प्रथम खण्ड पर प्राप्त समीक्षा
डा० ज्योतिप्रसाद जैन, लखनऊ
यह ग्रन्थ भगवान् महावीर के जीवन सम्बन्धी संदर्भों का विस्तृत विश्वकोश है। लेश्या कोश क्रिया कोश की भांति इसका निर्माण भी अन्तरराष्ट्रीय दशमलव वर्गीकरण पद्धति से किया गया है। इसमें सन्देह नहीं है कि शोधार्थियों के लिए यह ग्रंथ अतीव उपयोगी सिद्ध होगा।
डा० नेमीचन्द जैन, इन्दौर
'वर्धमान जीवन कोश' जैन विद्या के क्षेत्र का एक अपरिहार्य, अपूर्व लेश्या कोश किया कोशों का जो स्वागत देश-विदेश हुआ है वह उजागर है। भी है। अस्तु को उपयोगी है और भगवान् महावीर के जीवन के सम्बन्ध में मुनिश्री लालचन्द ( श्रमण संघीय), कलकत्ता
'श्री वर्धमान जीवन कोश' प्रथम खण्ड देखने को मिला। यह पुस्तक सर्वप्रथम पुस्तक है जिसमें भगवान् महावीर की जीवनी यथार्थ रूप से लिखने में आई है ।
श्री कन्हैयालाल सेठिया, कलकत्ता
सम्पादक द्वय का गहन अध्ययन और अथक श्रम इस ग्रन्थ में प्रतिम्बित हुआ है। शं धार्थियों के लिए यह ग्रंथ अत्यन्त उपयोगी है।
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बहुमूल्य संदर्भ ग्रंथ है। पूर्व प्रकाशित इसी तरह का मूल्यवान् संदर्भ ग्रंथ यह बहुविध जानकारी दे रहा है।
अखिल भारतीय प्राच्यविद्या सम्मेलन, ३१वां अधिवेशन में
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जैन दर्शन समिति ( १६ सी डोवर लेन, कलकत्ता- २६) द्वारा श्री श्रीचन्द चोरड़िया के सम्पादन में 'वर्धमान जीवन कोश' कृति का प्रकाशन हुआ है 1 प्रारम्भ में स्वनामधन्य आदरणीय जैनरत्न श्री मोहनलालजी बा योजना के प्रवर्तक थे। श्री चोरड़ियाजी के सहयोग से यह ग्रन्थ तैयार हुआ था भगवान् महावीर की जीवनी से सम्बन्धित सामग्री को प्रस्तुत करने वाला यह पंचरत्र अत्यन्त उपयोगी एवं संग्रहणीय है। प्राकृत एवं जैन विद्या विभाग अध्यक्षीय भाषण ६ से ३१-१०-८२
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डा० भागचन्द्र जैन, नागपुर
प्रस्तुत समीक्ष्य ग्रन्थ 'वर्धमान जीवन कोश' का प्रकाशन जैन विषय कोश योजना के अन्तर्गत हुआ | सम्पादक इप ने इस ग्रंथ को सामग्री साम्प्रदायिकता के दायरे से हठकर उपलब्ध समस्त वाङ्मय से एकत्रित की है। प्रस्तुत प्रकाशित प्रथम खण्ड में तीर्थंकर महावीर के जीवन विषयक पवन से परिनिर्वाण तक का विषय संयोजित हुआ है। सामग्री की प्रस्तुति में सम्पादन कला का निर्दोष उपयोग हुआ है।
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