________________
od
७४
विषय १९.६ त्रिपृष्ठ वासुदेव के पिता का पुत्री से विवाह •१६७ त्रिपृष्ठ वासुदेव का अवतरण
१९८ त्रिपृष्ठ वासुदेव के प्रतिशत्रु-अश्वग्रीव प्रतिवासुदेव '१६९ वासुदेवों में विपृष्ठ प्रथम वासुदेव था .१९.१० त्रिपृष्ठ वासुदेव द्वारा केशरी सिंह का मारा जाना .१९.११ त्रिपृष्ठ वासुदेव द्वारा अश्वग्रीव प्रतिवासुदेव का मारा जाना •१९.१२ त्रिपृष्ठ वासुदेव का राज्याभिषेक १९.१३ त्रिपृष्ठ भव में कार्मो का गाढ बंधन '२. सप्तम नरक के नारकी के भव में '२१ सिंह के भव में '२२ चतुर्थ नरक अथवा प्रथम नरक के नारकी के भव में .२२कतिपय तिर्यग-मनुष्य एव में '२३ सिंह के भव में .२४ सौधर्म स्वर्ग का देव २५ कनकोज्ज्वल राजा-कनकप्रभ राजा
लाम्तव स्वर्मकादेव •२७ हरिषेण राजा •२८ महाशुक्र स्वर्ग का देव .२९ प्रियमित्र-प्रियदल चक्रवर्ती के भव में •२९१ जन्म •२६२ प्रियमित्र-चक्रवर्ती की छह-बाड पर विजय
(क) मागम तीर्थं पर विजय
(ख) वरदाम तीर्थ आदि पर विजय •२६.३ एक विवेचन '२९.४ पोट्टिलभव (प्रियमित्र पक्रवर्ती) में (दिग० ब श्वे. मान्यता) •३. सहस्त्रार स्वर्ग का देव-भषया महाशुक्र का देव • नन्द-मन्दन राजा .३११ नन्दन राजा-नंदीवर्धन राजा-मालिक राजा थे। ५१.२ नन्दराजा-मंदीवर्धन राजा के-तीर्थकर प्रकृतिका १२ अग्युत स्वर्ग- प्राणत स्वर्म का देक
.
ला
W
:
UUN
( 34 )
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org