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पुद्गल - कोश
गुणा, सोइंदियस्स मउयलहुयगुणा अनंतगुणा, चक्खिदियस्स मउयलहुय
गुणा अनंतगुणा ।
- पण्ण० पद १५ । सू १६
सबसे कम स्पर्शेन्द्रिय के मृदुलघु गुण है। उससे रसेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे हैं, उससे घ्राणेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे हैं, उससे श्रोत्रेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे हैं, उससे चक्षुरिन्द्रिय मृदुलघु गुण अनंतगुणे हैं ।
- ३ कर्कश - गुरु गुण, मृदुलघु गुण की अपेक्षा
कक्खडगरुयगुणाणं मउयल हुयगुणाण य - सव्वत्थोवा चक्खि दिवस्स कक्खडगरुयगुणा, सोइ दियस्स कक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा, घाणिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा, जिम्मिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, फासि दिस्स कक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा, फासिवियस्स कक्खडगरुयगुणेहितो तस्स चेव मउयल हुयगुणा अणतगुणा, जिब्भिदियस्स मउयल हुयगुणा अनंतगुणा, घाणिदियस्स मउयलहुयगुणा अनंतगुणा, सोइं दियस्स मउयल हुय गुणा, अनंतगुणा, चक्खि दियस्स मउयल हुयगुणा अनंतगुणा ।
- पण्ण० पद १५ स् १६
सबसे न्यून चक्षुरिन्द्रिय के कर्कश - गुरु गुण है, उससे श्रोत्रेन्द्रिय के कर्कशगुरु गुण अनंतगुणे है, उससे घ्राणेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनंतगुणे है, उससे रसेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनंतगुणे है, उससे स्पर्शेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनंतगुणे है ।
स्पर्शेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण स्पर्शेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे है, उससे रसेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे है, उससे घ्राणेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे है, उससे श्रोत्रेन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे है, उससे चक्षुरिन्द्रिय के मृदुलघु गुण अनंतगुणे है ।
• ३१ जीव दंडक की अपेक्षा- इन्द्रिय के कर्कश गुरु-मृदुलघु की अल्पबहुत्व
एएसिणं भंते! पुढविकाइया णं फासेंदियस्स कवखडगरुयगुणमउयहुयगुणाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइयाणं फार्सेदियस्स कक्खडगरुयगुणा, तस्स चेव मउयलहुयगुणा अनंतगुणा ।
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