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पुद्गल-कोश
५६५ अधम्मत्थिकाए य एएणं वो वि तुल्ला पएसट्टयाए सव्वत्थोवा १, जीवस्थिकाए पएसट्टयाए अणंततुण २, पोग्गलस्थिकाए पएसट्टयाए अणंतगुणे ३, अद्धासमए पएसट्टयाए अणंतपुणे ४, आगासस्थिकाए पएसट्टयाए अणंत
गुणे।
-पण्ण० प ३ । सू २७१ धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय इन दोनों के प्रदेश समान होते हैं वे सबसे कम है, उनसे जीवों के प्रदेश अनंतगुणे हैं, उनसे पुद्गलास्तिकाय के प्रदेश अनंतगुणे हैं, उनसे काल के प्रदेश ( अप्रदेश ) अनंतगुणे हैं तथा उनसे आकाशास्तिकाय के प्रदेश अनंतगुणे हैं। '८ द्रव्य-प्रदेश की अपेक्षा छः द्रव्यों का अल्पबहुत्व
एएसि णं भंते ! धम्मस्थिकाय-अधम्मत्थिकाय-आगासस्थिकाय-जीवस्थिकाय-पोग्गलस्थिकाय-अद्धासमयाणं दवट्ठ-पएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए य एए णं तिणि वि तुल्ला दवट्ठयाए सव्वत्थोवा १, धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए य एए णं दोणि वि तुल्ला पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा २, जीवस्थिकाए दवट्ठयाए अणंतगुणे ३, से चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणे ४, पोग्गलत्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे ५, से चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणे ६, अद्धासमए दव्वट्ठ-पएसट्टयाए ( अपएसट्टयाए ) अणंतगुण ७, आगासस्थिकाए पएसट्टयाए अणंतगुणे ८।
-पण्ण० प ३ । सू २७३ धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय तथा आकाशजीवकाय-इन तीनों द्रव्य से तुल्य है (एक-एक है ) सबसे कम है, उनसे धर्मास्तिकाय तथा अधर्मास्तिकाय के प्रदेश तुल्य है ( असंख्यात-असंख्यात है ) असंख्यातगुणे अधिक है, उनसे जीव द्रव्य अनंतगुणे हैं, उनसे जीवों के प्रदेश असंख्यातगुणे अधिक है। उनसे पुद्गल द्रव्य अनंतगुणे हैं, उनसे पूदगलों के प्रदेश असंख्यातगुणे हैं। उनसे कालं द्रव्य-प्रदेश ( अप्रदेश) अनंतगुणे हैं तथा उनसे आकाशास्तिकाय के प्रदेश अनतगुणे अधिक है।
नोट-धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, लोकाकाश व एक जीव के प्रदेश एक समान है-असंख्यातप्रदेश है। चूकि केवली समुद्घात के चतुर्थ समय में जीव के प्रदेश सर्वलोक व्यापी बन जाते हैं।
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