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________________ ५४२ पुद्गल-कोश निर्जरा के पुद्गल को सूक्ष्मता अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो सव्वं कम्मं वेदेमाणस्स सव्वं कम्म निज्जरेमाणस्स सव्वं मारं मरमाणस्स सव्वं सरीरं विप्पजहमाणस्स, चरिमं कम्मं वेदेमाणस्स चरिमं कम्मं निज्जरेकाणस्स चरिमं मारं मरमाणस्स चरिमं सरीरं विप्पजहमाणस्स, मारणंतियं कम्मं वेदेमाणस्स मारणतियं कम्मं निज्जरेमाणस्स, मारणंतियं मारं मरमाणस्स मारणंतियं सरीरं विप्पजहमाणस्स जे चरिमा निज्जरापोग्गला सुहमाणं ते पोग्गला पण्णत्ता समणाउसो, सव्वं लोग पि णं ते ओगाहित्ता णं चिट्ठति ? हंता मागंदिया पुत्ता! अणगारस्स णं भावियप्पणो सव्वं कम्मं वेदेमाणस्स जाव जे चरिमा निज्जरापोग्गला सुहुमा णं ते पोग्गला पण्णत्ता समणाउसो। सव्वं लोगं पि णं ते ओगाहित्ता गं चिट्ठति । -भग० श १८ । उ ३ । सू ६५ माकन्दिक पुत्र अनगार श्रमण भगवान महावीर स्वामी के पास आये और वन्दना नमस्कार करके पुछा, उसका प्रत्युत्तर भगवान् ने दिया __"हाँ, माकन्दिक पुत्र। सभी कर्मों को वेदते हुए, सभी कर्मों को निर्जरते हुए, सर्व मरण से मरते हुए और समस्त शरीर को छोड़ते हुए तथा चरम कर्म वेदते हुए, चरम कर्म निर्जरते हुए, चरम शरीर छोड़ते हुए, चरम मरण मरते हुए एवं मारणान्तिक कर्म को वेदते हुए, मारणान्तिक कर्म निर्जरते हुए, मारणान्तिक मरण मरते हुए और मारणान्तिक शरीर छोड़ते हुए भावितात्मा अनगार के जो चरम निर्जरा के पुद्गल हैं-वे पुद्गत्त सूक्ष्म कहे गये हैं और वे पुद्गल समग्रलोक को अवगाहित कर रहे हुए है । . विवेचन–यहाँ 'भावितात्मा अनगार' का अर्थ केवली है। भवोपनाही चार कर्मों का वेदन, निर्जरादि करते हुए एवं औदारिकादि शरीर को छोड़ते हुए और आयुकर्म के समस्त पुद्गलों की अपेक्षा अन्तिम मरण मरते हुए, केवली के सर्वान्तिम निर्जरा पुद्गल सूक्ष्म कहे गये हैं । वे सम्पूर्ण लोक को व्याप्त कर रहते हैं। इसलिए केवली तो उनको जानते ही हैं । नोट-जो विशिष्ट अवधिज्ञानादि उपयोग युक्त है, वे सूक्ष्म कार्नण पुद्गलों को जानते देखते है परन्तु जो विशिष्ट अवधिज्ञानादि उपयोग रहित है, वे सूक्ष्म कार्मण पुद्गलों को नहीं जानते, नहीं देखते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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