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पुद्गल - कोश
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पाँच परमाणु पुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक पंच प्रदेशौ स्कध होता है । और यदि इस पाँच प्रदेशी स्कंध का भेद विभाग होता है तो उसके दो, तीन, चार अथवा पाँच विभाग होते हैं ।
(१) यदि दो विभाग हों तो एक परमाणु पुद्गल का विभाग और दूसरा एक प्रदेश स्कंध का विभाग होगा अथवा एक द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और दूसरा तीन प्रदेशी ल्कंध का विभाग होगा !
(२) यदि तीन विभाग हों तो तीन प्रदेशी स्कंध का एक दूसरा- तीसरा विभाग एक-एक परमाणु पुद्गल का होगा । पुद्गल का विभाग और द्विप्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे ।
विभाग होगा और अथवा एक परमाणु
(३) यदि चार विभाग हों तो द्विप्रदेशी स्कंध का एक विभाग और दूसरातीसरा - चौथा विभाग एक परमाणु पुद्गल का होगा ।
(४) यदि पांच विभाग हों तो पांच परमाणु पुद्गल के पाँच अलग-अलग विभाग होंगे ।
तीन परमाणु से लेकर दस परमाणु तक यावत् संख्यात परमाणु; असंख्यात परमाणु यावत् अनंत परमाणु तक के बंधन तथा भेदन के विकल्प की जानकारी के लिए देखें - परमाणु पुद्गल ३२ ४ १ से ३२ ४ १२ तक
• ५२५ स्कंध पुद्गल और पर्याय संख्या
दुपएसिया णं पुच्छा । ( केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? ) गोयमा ! अनंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटुणं भंते ! एवं वच्चइ ? गोयमा ! दुपए लिए दुपएसियस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, पएसटूयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए सिय होणे सियतुल्ले सिय अम्भहिए- जइ होणे पएसहीणे, अह अम्महिए पएसमम्भहिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णादीहि उवरिल्लेहि चहि फासेहि य छट्टाणवडिए । ५०५ ॥
एवं तिपएसिए वि । नवरं ओगाहणट्टयाए सिय होणे सिय तुल्ले सिय अन्भहिए - जइहोणे पएसहीणं वा दुपएसहीणे वा, अह अन्महिए पएस - मन्महिए वा दुपएसमब्भहिए वा ॥ ५०६ ॥
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