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पुद्गल-कोश
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सर्व स्निग्ध, एक देश गुरु और एक देश लघु पूर्ववत् ३२ भंग। अथवा कदाचित् सर्व गुरु, सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, एक देश मृदु के पूर्ववत् ३२ भंग। इस प्रकार सर्व मिलाकर पांच स्पर्श के १२८ भंग होते हैं ।
जब वह छः स्पर्श वाला होता है तो, (१) सर्व कर्कश, सर्व गुरु, एक देश शीत एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध, और एक गुण रूक्ष होता है। (२) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व गुरु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध, और अनेक देश रूक्ष होता है। इस प्रकार यावत् सर्व कर्कश, सर्व गुरु, अनेक देश शीत, अनेक देश उष्ण, अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष- यह सोलहवां भंग है। इस प्रकार १६ भंग होते हैं । (२) कचाचित् सर्व कर्कश, सर्व लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्विग्ध व एक देश रूक्ष के सोलह भंग।
(३) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व गुरु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के सोलह भंग। (४) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व लघु, एक देश शीत, एक दिश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के १६ भंग। ये सव मिलाकर ६४ भंग होते हैं।
अथवा कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व शीत, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है। इस प्रकार यावत् सर्व मृदु, सर्व उष्ण, अनेक देश गुरु, अनेक देश लघु, अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होते हैं। यह चौसठवां भंग है। इस प्रकार इसके भी ६४ भंग होते हैं।
कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व स्निग्ध, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत और एक देश उष्ण, होता है। यावत् कदाचित् सर्व मृदु, सर्व रूक्ष, अनेक देश गुरु, अनेक देश लघु, अनेक देश शीत और अनेक देश उष्ण होते हैं। यह चौसठवां भंग है। इस प्रकार यहाँ भी ६४ भंग होते हैं।
कदाचित् सर्व गुरु, सर्व शीत, एक देश कर्कश, एक देश मृदु. एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है ।
इस प्रकार यावत् सर्व लघु, सर्व उष्ण, अनेक देश कर्कश, अनेक देश मृदु, अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होते हैं। यह चौसठवां भंग है। इस प्रकार यहाँ भी ६४ भंग होते हैं।
कदाचित् सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, एक देश कर्कश, एक देश मृदु, एक देश शीत और एक देश उष्ण होता है। इस प्रकार यावत् कदाचित् सर्व लघु, सर्व रूक्ष, अनेक
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