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पुद्गल-कोश
४०३ कक्खडे देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे। एवं निद्धणवि समं चउटुिं भंगा कायव्वा, सव्वे लुक्खे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे। एव लुक्खेणवि समं चउसट्टि भंगा कायव्वा जाव सव्वे लुक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा गुरुया देसा लहुया देसासीया देसा उसिणा, एवं सत्सफासे पंचबारसुत्तरा भंगसया भवंति ।
जइ अट्ठफासे देसे कक्खड देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिण देसे निद्ध देसे लुक्खे ४, देसे कक्खड देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्ध देसे लुक्खे ४, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए देसा सोया दे(सा)से उसिणे देसे निद्ध देसे लुक्खे ४, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए देसा सीया देसा उसिणा देसे निद्ध देसे लुक्खे ४, एए चत्तारि चउक्का सोलस भंगा, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गुरुए देसा लहुया देसे सोए देसे उसिणे देसे निद्ध दसे लुक्खे, एवं एए गुरुएणं एगत्तएणं लहुएणं पुहत्तएणं सोलह भंगा कायव्वा, देसे कक्खड दसे मउए देसा गुरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्ध देसे लुक्खे एएवि सोलस भगा कायव्वा, देसे कक्खड दसे मउए देसा गुरुया दसा लहुया दसे सीए देसे उसिणे देसे निद्ध देसे लुक्खे। एएवि सोलस भंगा कायव्वा, सव्वेवि ते चउटुिं भंगा कक्खडमउहि एगत्तरहि, ताहे कक्खडेणं एगत्तएणं मउएणं पुहत्तणं एए ते चउटुिं भंगा कायव्वा, ताहे कक्खडेणं पुहत्तएणं मउएणं एगत्तएणं चउट्टि भंगा कायवा, ताहे एएहि चेव दोहिवि पुहुत्तेहि चउसद्धि भगा कायव्वा जाव देसा कक्खडा दसा मउया देसा गुरुया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा एसो अपच्छिमो भंगो, सव्वेएते अटफासे दो छप्पन्ना भंगसया भवंति । एवं एए बायरपरिणए अणंतपएसिए खंधे सव्वेसु संजोएसु बारस छन्नउया भंगसया भवंति ।
-भग० श २० । उ ५ । सू २ से ११ । पृ० ७९३ से ८०३ बादर परिणाम वाला (स्थूल ) अनंत प्रदेशो स्कंध के विषय में अठारहवें शतक के छ8 उद्देशक के अनुसार कदाचित् यावत् आठ स्पर्श वाला भी कहा गया है--तक जानना चाहिए।
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