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पुद्गल-कोश १०-बावर परिणामवाले अनंत प्रदेशी स्कंध में वर्ण-गंध-रस-स्पर्श
बादर परिणामवाले अनंत प्रदेशी स्कंध में कदाचित एक वर्ण, कदाचित् दो वर्ण, कदाचित् तीन वर्ण, कदाचित् चार वर्ण, कदाचित् पाँच वर्ण, कदाचित् एक गंध, कदाचित् दो गंध, कदाचित् एक रस, कदाचित् दो रस. कदाचित् तीन रस, कदाचित् चार रस, कदाचित् पाँच रस, होते हैं। कदाचित् चार स्पर्श, कदाचित् पाँच स्पर्श, कदाचित् छः स्पर्श, कदाचित् सात स्पर्श तथा कदाचित् आठ स्पर्श होते हैं ।
नोट-बादर अनंत प्रदेशी स्कंध में मृदु, कर्कश, गुरु और लघु ये चार स्पर्श पाये जाते हैं। ऐसा टीकाकार ने लिखा है, किन्तु आगमानुसार यह कथन उचित नहीं है। वीसवें शतक के पांचवें उद्देशक के अनुसार-बादर अनंत प्रदेशी स्कंध में चार से लगाकर आठ स्पर्श पाये जाते हैं। चार हो तो मृदु और कर्कश में से कोई एक, गुरु और लघु में ये कोई एक, शीत और उष्ण में से कोई एक और स्निग्ध और रूक्ष में से कोई एक-इस प्रकार चार स्पर्श पाये जाते हैं। पाँच स्पर्श हों तो चार युग्मों में से किसी भी युग्मों के दो और शेष तीन युग्मों में एक-एक इस प्रकार पाँच स्पर्श पाये जाते हैं। छः स्पर्श हों तो दो युग्मों के दो-दो और दो युग्मों में से एक-एक, यों छः स्पर्श पाये जाते हैं। सात स्पर्श हों तो तीन युग्मों में दो-दो और एक युग्म में से एक-ये सात स्पर्श पाये जाते हैं। आठ हों तो चार युग्मों के दोदो, स्पर्श पाये जाते हैं।
५१९ बायरपरिणए णं भंते ! अणंतपएसिए खंधे कइवन्ने ? एवं जहा अट्ठारसमसए जाव सिय अट्टफासे पन्नत्ते, वन्नगंधरसा जहा दसपएसियस्स, जइ चउफासे सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे सीए सव्वे निद्ध १, सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे लुक्खे २, सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे उसिणे सव्वे निद्ध ३, सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे उसिण सव्वे लुक्खे ४, सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे सीए सव्वे गिद्ध ५, सव्वे कक्खडे सम्वे लहुए सम्वे सीए सव्वे लुक्खे ६, सम्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे उसिणे सव्वे निद्ध ७, सम्वे कक्खड सव्वे लहुए सव्वे उसिणे सव्वे लुक्खे ८, सम्वे मउए सव्वे गुरुए सम्वे सीए सव्वे निद्ध ९, सव्वे मउए सव्वे गुरुए सव्वे सौए सवे लुक्खे १०, सम्वे मउए सव्वे गुरुए सम्वे उसिणे सव्वे निद्ध ११, सव्वे मउए सव्वे गुरुए सव्वे उसिणे सव्वे लुक्खे १२, सव्वे मउए सव्वे लहुए सव्वे सीए सव्वे निद्ध १३, सम्वे मउए सव्वे लहुए सव्दे सीए सव्वे लुक्खे १४, सव्वे मउए सव्वे लहुए सव्वे उसिणे सव्वे निद्ध १५, सव्वे मउए सव्वे लहुए सव्वे
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