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पुद्गल-कोश
एक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला और अनेक देश शुक्ल वर्ण होता है । (१८) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला, एक देश लाल, अनेक देश पीला और एक देश शुक्लवर्ण होता है । (१९) कदाचित अनेक देश काला, एक देश नीला, एक देश लाल, अनेक देश पीला और अनेक देश शुक्लवर्ण होता है । (२०) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला, अनेक देश लाल, एक देश पीला और एक देश शुक्लवर्ण होता हैं। (२१) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला, अनेक देश लाल, एक देश पीला और अनेक देश शुक्लवर्ण होता है । (२२) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला, अनेक देश लाल, अनेक देश पीला और एक देश शुक्लवर्ण होता है। (२३) कदाचित् अनेक देश काला, अनेक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला और एक देश शुक्लवर्ण होता है। (२४) कदाचित् अनेक देश काला, अनेक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला और अनेक देश शुक्ल वर्ण होता है। (२५) कदाचित् अनेक देश काला, अनेक देश नीला, एक देश लाल, अनेक देश पीला और एक देश शुक्लवर्ण होता है। (२६) कदाचित् अनेक देश काला, अनेक देश नीला, अनेक देश लाल, एक देश पीला और एक देश शुक्लवर्ण होता है।
इस प्रकार पांच संयोगी २६ भंग होते हैं। ये सब मिलाकर अर्थात् असंयोगी ५, द्विकसंयोगी ४०, त्रिकसंयोगी ८०, चतुःसंयोगी ८० और पंचसंयोगी २६-ये वर्ण संबंधी २३१ भंग होते हैं ।
जिस प्रकार सात प्रदेशी स्कंध में गंध के भंगों का विवेचन किया गया है उसी प्रकार आठ प्रदेशी स्कंध में ( मसंयोगी २ भंग तथा द्विकसंयोगी ४ भंग कुल मिलाकर गंध संबधी ६ भंग होते हैं । ) गंध के भंगों का विवेचन करना चाहिए।
जिस प्रकार आठ प्रदेशी स्कंध में वर्ण की अपेक्षा (५+ ४० +८० + ८० + २६-२३१ भंग ) २३१ भंगों का विवेचन किया गया है वैसे ही आठ प्रदेशी स्कंध में रस की अपेक्षा २३१ भंगों का विवेचन करना चाहिए।
जिस प्रकार चतुःप्रदेशी स्कंध में स्पर्श की अपेक्षा (४+१६ + १६ = ३६ भंग ) ३६ भंगों का विवेचन किया गया है वैसे ही आठ प्रदेशी स्कंध में स्पर्श की अपेक्षा ३६ भंगों का विवेचन करना चाहिए । अर्थात्
जिस प्रकार चतुष्प्रदेशी स्कंध में स्पर्श की अपेक्षा (द्विक संयोगी ४, त्रिक संयोगी १६ और चतुःसंयोगी १६ ( कुल ३६ भंग ) ३६ भंगों का विवेचन किया गया है वैसे ही आठ प्रदेशी स्कंध में स्पर्श की अपेक्षा ३६ भंगों का विवेचन करना चाहिए।
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