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________________ पुद्गल-कोश ३३९ परमाणु पुद्गल द्विप्रदेशी स्कंध को सातवें तथा नौवें विकल्प से स्पर्श करता है। परमाणु पुद्गल जब द्विप्रदेशी स्कंध को स्पर्श करता है तब या तो (१) सर्व से स्कंध के एक देश को या (२) सर्व से स्कंध के सर्व को स्पर्श करता है। (१) जब द्विप्रदेशी स्कंध, आकाश के दो प्रदेशों पर स्थित होता है तब परमाणु पुदगल उस स्कंध के किसी एक देश को अपने सर्वात्म द्वारा स्पर्श करता है । (२) जब द्विप्रदेशी स्कंध परिणाम की सूक्ष्मता से आकाश के एक प्रदेश पर स्थित होता है, तब परमाणु पुद्गल सर्वात्म द्वारा उस स्कंध के सर्वात्म को स्पर्श करता है। परमाणु पुद्गल तीन प्रदेशी स्कंध को सातवें, आठवें तथा नौवें विकल्प से स्पर्श करता है। परमाणु पुद्गल जब तीन प्रदेशी स्कंध को स्पर्श करता है तब या तो (१) सर्व से स्कंध के एक देश को, या (२) सर्व से स्कंध के बहुत देशों को या (२) सर्व से स्कंध के सर्व को स्पर्श करता है । (१) जब तीन प्रदेशी स्कंध आकाश के तीन प्रदेशों पर स्थित होता है तब परमाणु पुद्गल उस स्कंध के किसी एक देश को अपने सर्वात्म द्वारा स्पर्श करता है। (२) जब तीन प्रदेशी स्कंध के दो प्रदेश एक आकाश प्रदेश पर स्थित हो और तीसरा एक अन्य प्रदेश पर स्थित हो तब कोई एक परमाणु पुद्गल उस स्कंध के बहुत देशों को ( दो देशों को ) अपने सर्वात्म द्वारा स्पर्श करता है। (३) जब तीन प्रदेशी स्कंध परिणाम की सूक्ष्मता से आकाश के एक प्रदेश पर ही स्थित होता है तब परमाणु पुद्गल सर्वात्म द्वारा उस स्कंध के सर्वात्म को स्पर्श करता है। जिस प्रकार एक परमाणु पुद्गल द्वारा तीन प्रदेशी स्कंध को स्पर्श करने का विवेचन किया गया है उसी आधार पर एक परमाणु पुद्गल द्वारा चतुःप्रदेशी स्कंध को, पंचप्रदेशी स्कंध को यावत् दस प्रदेशी स्कंध को यावत् संख्यात प्रदेशी स्कंध को यावत् असंख्यात प्रदेशी स्कंध को यावत् अनंतप्रदेशी स्कध को स्पर्श करने का विवेचन करना चाहिए। •२ विविध प्रदेशी स्कंधों को परमाणु पुद्गल से स्पर्शना द्विप्रदेशी स्कंध पुद्गल परमाणु पुद्गल को तीसरे तथा नववे विकल्प से स्पर्श करता है। द्विप्रदेशी स्कंध जब परमाणु पुद्गल को स्पर्श करता है तब या तो (१) एक देश से परमाणु के सर्वात्म को या (२) सर्व से परमाणु के सर्वात्म को स्पर्श करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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