________________
४८
पुद्गल-कोश (१५) से कि तं पारिणामिए ? पारिणामिए दुविहे पन्नत्ते, तं जहासाइपारिणामिए य अणाइपारिणामिए । से कि तं साइपारिणामिए ? साइपारिणामिए अणगविहे पन्नत्ते, तं जहा- गाहा-जुण्णसुराx x x परमाणुपोग्गले, दुपएसिए जाव अणंतपएसिए।
-अणुओ० सू २४८-२४९ । पृ० १११२-१३ (१६) परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवं जाव अणंतपएसिओ।
-भग० श ५ । उ ७ । प्र १६ । पृ. ४८४ (१७) संतई पप्प तेऽणाई, अपज्जवसिया वि य। ठिई पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥
-उत्त० अ ३६ । गा १२ । पृ० १०५०
स्कंधपुद्गल की एक परिभाषा
स्कंधपुद्गल अजीव है, रूपी है, अस्तिकाय द्रव्य है। परमाणुओं के परस्पर मिलने से स्कंध होता है।
द्रव्य की अपेक्षा स्कंधपुदगल अनंत है, पुदगल की तरह क्षेत्र की अपेक्षा लोकाकाश में है ; काल की अपेक्षा त्रिकालवर्ती है। स्कंधपुद्गल अतीत अनंत शाश्वत काल में था, यह वर्तमान शाश्वत काल में है, यह अनंत शाश्वत भविष्यत् काल में रहेगा। भाव की अपेक्षा द्विप्रदेशी स्कंध कदाचित् एक वर्णवाला, कदाचित् दो वर्णमाला ; कदाचित् एक गंधवाला, कदाचित् दो गंधवाला; कदाचित् एक रसवाला, कदाचित् दो रसवाला ; कदाचित् दो स्पर्शवाला, कदाचित् तीन स्पर्शवाला, कदाचित चार स्पर्शवाला होता है। तीन प्रदेशी स्कंध कदाचित् एक वर्णवाला, कदाचित् दो वर्णवाला, कदाचित् तीन वर्णवाला ; कदाचित् एक गंधवाला, कदाचित् दो गंधवाला; कदाचित् एक रसवाला, कदाचित दो रसवाला, कदाचित् तीन रसवाला होता है ; कदाचित दो स्पर्शवाला, कदाचित् तीन स्पर्शवाला, कदाचित् कदाचित् चार स्पर्शवाला होता है। चार प्रदेशी स्कंध कदाचित् एक वर्णवाला, कदाचित् दो वर्णवाला, कदाचित् तीन वर्णवाला, कदाचित् चार वर्णवाला; कदाचित् तीन रसवाला,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org