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( २४० ) औदारिक काययोगी जीव सर्व जीवों के संख्यात बहुभाग प्रमाण हैं। क्योंकि, अविदक्षित सर्व द्रव्य का जीव राशि में भाग देने पर संख्यात रूप उपलब्ध होते हैं। .०४ औदारिकमिश्र काययोगी का भागाभाग ओरालियमिस्सकायजोगी सव्वजीवाणं केवडिओ भागो ?
--षट् खण्ड ० २ । १० । सू ४१ । पु ७ । पृष्ठ० ५०८ टीका-सुगमं।
संखेज्जदिभागो।
---षट ० खण्ड ० २ । १० । सू ४२ । पु ७ । पृष्ठ ० ५०८ । ९ टोका-कुदो ? अप्पिददव्वेण सव्वरासिम्हि भागे हिदे संखेज्जरवाणमुवल भालो।
औदारिकमिश्रकाययोगी जीव सब जीवों के संख्यातवें भाग प्रमाण है। क्योंकि विवक्षित द्रव्य का सर्व जीवराशि में भाग देने पर संख्यात रूप उपलब्ध होते हैं। .०९ कार्मण काययोगो का भागाभाग कम्मइयकायजोगी सव्वजीवाणं केवडिओ भागो?
-षट्० खण्ड ० २ । १० । सू ४३ । पु ७ । पृष्ठ• ५०९ टोका-सुगमं।
असंखेज्जविभागो।
-षट् • खण्ड ० २ । १० । सू ४४ । पु ७ । पृष्ठ० ५०९ टोका-कुदो ? अप्पिददवेण सव्वजोवरासिम्हि भागे हिदे असंखेज्जरूवोवलभालो।
कार्मण काययोगी जीव सब जीवों के असंख्यातवें भाग-प्रमाण हैं। क्योंकि, विवक्षित द्रव्य का सर्व जीव राशि में भाग देने पर असंख्यात रूप उपलब्ध होते हैं। •४५ सयोगी जीवों के भागाभाग रूप द्रव्य प्रमाण
भागाभागं वत्तइस्सामो। सवजीवरासि संखेज्जखंडे कए तत्थ बहुखंडा ओरालियकायजोगरासोओ सेसमसंखेज्नखंडे कए बहुखंडा ओरालियमिस्सकायजोगरासो होवि। सेसमणतखंड कए बहुखंडा कम्मइयकायमिच्छाइदिरासी होदि। सेसमंण्तखंडे कए बहुखंडा सिद्धा होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा
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