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सम्पादन में निम्नलिखित तीन बातों को हमने आधार माना है । १-पाठों का मिलान २-विषय के उपविषयों का वर्गीकरण तथा ३-हिन्दी अनुवाद
अस्तु लेश्या कोश, क्रिया कोश, मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास, वर्धमान जीवन कोश (खण्ड १, २, ३) के बाद हमने सम्पादन के लिए 'योग' विषय को ग्रहण किया। पुद्गल कोश, ध्यान कोश, संयुक्त लेश्या कोश भी तैयार किये हैं।
प्रत्येक विषय में संकलित पाठों तथा अनुसंधित पाठों का वर्गीकरण करने के लिए हमने प्रत्येक विषय को १०० वर्गों में विभाजित किया है तथा आवश्यकतानुसार इन १०० वर्गों को दस या दस से अधिक मूल वर्गों में भी विभाजित करने का हमारा विचार है ।
सामान्यतः सभी विषयों के कोशों में निम्नलिखित वर्ग प्राय: अवश्य रहेगे। .. शब्द विवेचन ( मूल वर्ग) .०१ शब्द की व्युत्पत्ति-प्राकृत-संस्कृत व पाली भाषाओं में .०२ पर्यायवाची शब्द–विपरीतार्थक शब्द
शब्द के विभिन्न अर्थ ..४ सविशेषण-ससमास-सप्रत्यय शब्द '०५ परिभाषा के उपयोगी पाठ .०६ प्राचीन आचार्यों द्वारा की गई परिभाषा .०७ भेद-उपभेद .०८ शब्द संबंधी साधारण विवेचन .०९ विविध ( मूल वर्ग) .०९९ बिषय संबंधी फूटकर पाठ तथा विवेचन
अन्य सब मूलवर्ग या उपवर्ग संकलित पाठों के आधार पर बनाये जायेंगे। योग कोश में हमने निम्नलिखित मूलवर्ग रखें हैं -
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शब्द विवेचन द्रव्ययोग (प्रायोगिक ) भावयोग (प्रायोगिक) योग और जीव सयोगी जीव विविध यथा सम्भव वर्गीकरण को सब भूमिकाओं में एकरूपता रखी जायेगी।
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