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योग कोश को प्रकाशित करने में झमकु देवी भंसाली मेमोरियल ट्रष्ट, मारफत फतेहचन्द चेनरूप भंसाली तथा श्री जबरमलजी भंडारी द्वारा भगवतीलाल सिसोदिया ट्रष्ट ने हमें आर्थिक सहयोग दिया है। इसके लिए समिति उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करती है।
अस्तु योग कोश के दो खण्ड किये गये हैं जिसका पहला खण्ड आप के सामने है । प्रस्तुत ग्रंथ का प्रतिपादान अत्यन्त प्राञ्जल एवं प्रभावक भाषा रूप में सूक्ष्मता के साथ किया गया है।
जैन दर्शन समिति के भूतपूर्व सभापति श्री जबरमलजी भंडारी, वर्तमान अध्यक्ष श्री अभयसिंह सुराना, जंवरीमलजी बैद, सरदारमलजी कांक ड़िया, रिधकरण बोथरा, नवरतनमल सुराना, विजयसिंह सुराना, सादुलसिंहजी जैन, मांगीलालजी लूणिया, सुमेरमल सुराना, हीरालाल सुराना आदि समिति के उत्साही सदस्यों, शुभचिन्तकों एवं संरक्षकों का साहस और निष्ठा का उल्लेख करना मेरा कर्तव्य है जिनकी इच्छाएँ और परिकल्पनाएँ मूर्तरूप में मेरे सामने आ रही है।
स्व. श्री मोहनलालजी बांठिया तथा श्रीचन्दजी चोरडिया अनेक पुस्तकों का अध्ययन पर योग कोश (प्रथम खण्ड) को तैयार कर हमें प्रकाशित करने का मौका दिया उनके प्रति हम आभारी है ।
हमारी समिति के द्वारा प्रकाशित अभी ५ पुस्तकें स्टोक में है। हमारी समिति के निर्णयानुसार २५०) रु० देने वाले सज्जनों को ३०५) रु. का पुस्तकें दी जाती है ।
१-मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास २- वर्धमान जीबन कोश, प्रथम खण्ड ३-वर्धमान जीवन कोश, द्वितीय खण्ड ४-वर्धमान जीवन कोश, तृतीय खण्ड ५-योग कोश, प्रथम खण्ड
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जैन दर्शन समिति ने जैन दर्शन के प्रचार करने के उद्देश्य से इसका मूल्य केवल १०० रखा है। जैन-जेनेतर सभी समुदाय से हमारा अनुरोध है कि योग कोश प्रथम खण्ड को क्रय करके अंतत अपने संप्रदाय के विद्वानों, भंडारों में, पुस्तकालयों में उसका यथोचित वितरण करने में सहयोग दे ।
सुराना प्रिटिंग वर्क्स तथा उनके कर्मचारी की धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने अनेक बाधाओं के होते हुए भी प्रकाशित करने में सक्षम रहे हैं ।
१०-६-६३ कलकत्ता
पद्मचन्द नाहटा
मंत्री जैन दर्शन समिति
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