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________________ ૩૬૬ आगमसद्दकोसो आरणकप्प [आरणकल्प] विलो राय. ८३: जंबू. ५८: देविं. २०२,२६३: निसी. ६०७: आरणग [आरणका विलो आरब्भ [आरब्ध आरंभशने भग. ८५७: भग. ४११: आरणय [आरणजमा२९। हेवतो 6त्पन्नथनार || आरभ [आरम्भ हुआओ. 'आरंभ' अनुओ. १५०; गणि. ७० आरणिय [आरण्यक] वानप्रस्थ आरभ [आ+रभJआरम, ५३मात ४२वी दसा. १०८; आया. १०७: भग. १८१; आरण्ण [आरण्य] अरएय, वन आरभंत [आरभमाण मानतो, सिरतो सूय. १९ ठा. ६३२: . . अनुओ. १९१; आरण्णग [आरण्यक] वानप्रस्थ आरभड [आरभटपडिटोनोमे होष, नृत्यनो उत्त. ४५०; એક પ્રકાર आरण्णय [आरण्यक] वानप्रस्थ ठा. ४०५, जंबू. २४०; निसी. १०७०; गणि. ५० आरण्णवडेंसग [आरणावतंसको हेव-विभान || आरभडसोल [आरभडसोल] प्रा२नी नाट्य सम. ५१: વિધિ आरण्णिय [आरण्यक] वनवासी, तापस राय. २४,४२: जीवा. १७९; सूय. ६६०,६६६,८०४; | आरभडा [आरभटा] ठुमो ‘आरभड' दसा. १०८; ठा. ५५२ ओह. ४५०,४५१; आरत [आरत] निवृत्ति पाभेटर, विराम पामे उत्त. १०३२: सूय. २४७; पण्हा. ४३; आरय [आरत] ठुमओ आरत' आरतमेहण [आरतमैथुन] भैथुनथी विरभेटर सूय. ५०९; सूय. ६१७: आरयमेहुण [आरतमैथुन] मन अमिलाषयी आरतो [आरतस्] विभीने નિવૃત્ત થયેલ सूय. ४१६: सूय. ५०९: आरत्त [आरक्ता थोडेरंगेल, अनुत । आरव [आरव] श६, सेवा आया. ८० ३७ः पण्हा . ८: आरद्ध [आरब्ध] आरंभ २८ आरस [आ+रस्] विलायो भग. १५९ पन्न. ५०६: नाया. १६४: निर. १३,१५; महाप. ७९; आरसंत [आरसत्] विला५४२वोते. आरब [आरबमा२५हेश, ते देशवासी नाया. १३४: पण्हा. १५: पण्हा . ८: उत्त.६६७.६८२: आरबक [आरबहुमओ 6५२' आरसमाण [आरसत्] ओ '७५२' जंबू. ७६ पण्हा . ८: आरबी [आरबी मस्तानमा ४न्भेसहासी | आरसित्ता [आरस्य १२ पाडीने नाया. २५; उव.३३ विवा. ३३: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016024
Book TitleAgamsaddakoso Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgamdip Prakashan
Publication Year2001
Total Pages546
LanguagePrakrit, Sanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size25 MB
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