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आगमसद्दकोसो
उत्त. ३८५,६८१,१५३७;
पन्न.३९४: अयं [अयम्] सामे, 250
अयगर [अजगर] ४२, मोटोसा५ महाप. ५९ः
सूय. ६८९:
भग.६५९: अयंगम [अयङ्गम] भने तो
पण्हा. ७,११: जीवा. ४४.१८५; महानि १४९८:
पन्न. १६२:
जंबू. ३७; अयंतिय [अयन्त्रित] २०ीनी महोर ? ७५ // अयगरी [अजगरी] १४ारी વિનાનો સિક્કો
जीवा.५३; उत्त. ७५४;
अयगोल [अयोगोल] सोढानो गोगो अयंपिर अजल्पित नबोलनार
सूय. ६६७; पत्र. १३८ दस. ९८,३७३,३९९;
दसा. ३५: अयंपुल [अयम्पुल] वरुणानो पुत्र स्थानीय वि, || अयज्ज [दे. नव મસ્યબંધ વિશેષ
महानि. २०,८२६; भग. १९९,४०३,६५२;
अयण [अयन] सूर्यन भंडस परिश्रम, ७ अयंसंधि [अयस्सन्धि] quत प्रभाएगे स्वाध्याय | માસનું એક અયન, સમયનું માપ. પડિલેહણાદિ કરનાર
ठा. ९९; आया. ८९:
भग. २१८,३०३,८९४; अयकक्करभोइ [अजकर्करभोजिन्] 45A-1582
नाया.६५,
उव. १७: માંસનું ભક્ષણ કરનાર
जीवा. २८७;
सूर. ३७,३९,१०९: उत्त. १८५;
चंद. ४१,४३,११३: अयकडिल्ल [अयकडिल्ल] सोढार्नु भो? पात्र
जंबू. २२,४४,३०० કોઈ ઉપકરણ
तंदु.६३.७१: ओह. १४५:
अनुओ. १३८,२७९; अयकरग [अजकरक] मे अक्ष
अयत [अयत ४५९।२हित टा. ९४;
सूय.६६७ः दसा. ३५: अयकरय [अजकरक] यह
अयत्त [अयत्न यत्न सिवाय सूर. १९८,२००: चंद. २०२,२०४;
देविं. ६४: जंबू. ३५७;
अयदेवया [अजदेवता] पूal६५६ नक्षत्रानो अयकवल्ल [दे. सोढानो तवो
અધિષ્ઠાતા દેવ भग. १८१,७७२
सूर. ५६:
चंद. ६०: अयकुंडिया [अयस्कुण्डिका] लोढानीgn
अयनिव्वत्तिय [अयसनिवर्तित लोढार्नुलनेतुं विवा. २९:
भग.६६३: अयको? [अयःकोष्ठ] सोढानी मी
अयपत्त [अयस्पात्र सोढार्नु पात्र भग. ६६३: जीवा. ९६;
पण्हा. ४५: अयकोट्ठअ [अयःकोष्ठक] मोरमही
अयपाय [अयस्पात्र सोढा, पात्र उवा. २१:
आया. ४८६: उव.४८,५०: अयखंड [अयस्खण्ड] सोढानो टु
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