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अइरत्तकंबलसिला [अतिरक्तकम्बल शिला] भेरु પર્વત ‘ઉપર’ની એક શીલા જયાં તીર્થંકરનો જન્માભિષેક થાય
ठा. ९६;
अइरित्त [अतिरिक्त ] धि कुटुं
आया. ७८;
पण्हा. ४५;
उत्त. १०३४;
अइरुग्गय [ अचिरोद्गत ] ताभ गेस
राय. १५;
अइरेक [ अतिरेक ] वधारो, विशेषता जंबू. ३४;
अइरेग [अतिरेक] दुखो, “उपर"
ठा. १२१,७५३;
सम. १,७,१३,४२,५४, ६०, १०१, १०९,
नाया. ८८;
वहि. ४;
१३१,१५८, १७८, १८३, २००, २११,
२२१,२४६;
भग. १७२,२१७;
उव. १४;
थी २०४ महाप. ३०,
देविं. ५३ थी ६२;
निसी. ५६,८६७ थी ८६९, १२९६ थी
वव. २०१;
१२९८ ; ओह. ६७०;
अइरेय [अतिरेक] खो “पर"
नाया. १५;
जीवा. १८५,२०२,
नाया. १८;
अइरोद [ अतिरौद्र ] धj रौद्र अनुओ. २२२: अइलाभ [ अतिलाभ ] घणो साल
उत्त. ३३२:
अइव [ अतीव ] घj, वधारे
दस. ४६०
अइलोलुय [अतिलोलुप] रससंपर
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नाया. १५७;
अइवइत्ता [अतिव] उस्संधीने
सूय. ६६७;
आगमस कोसो
अइवइत्ता [अतिपत्य] प्रवेश उरीने
नाया. ७४; अइवट्ट [ अतिवृत्त] उल्लंघन
पण्हा १५:
सूय. २७९; अइवत्त [अति + वृत्त] उस्संघधुं
आया. २७१;
दस. ४४७;
अइवयंत [अतिव्रजत्] अति भए। उरतो अंत. ३,१४
नाया. १२;
अइवयमाण [ अतिव्रजत्] दुखो " उपर"
उत. १०६०;
नाया. ६५;
अइवाएज्ज [अतिपतत्] वध खो ते, दुःखઉપજાવવું તે
आया. ८७;
अइवाएज्जा [अतिपतत्] दुखो " ५२”
दस. ३४;
अइवाएत्ता [अतिपात्य] उस्संधीने
भग. २४४;
अइवात्तु [अतिपातयित्] भारनार
ठा. ६०१
अइवातिय [अतिपातिक] भारनार
आया. २८१;
अइवाय [अति+पातय्] हिंसा 5वी, नाश ङखो
आया. ९०;
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सूय. ४२९;
उत्त. २१७;
दस. ३४;
अइवाय [अतिपात] [हिंसा, नाश
भग. ५२९;
अइवायंत [अतिपातयत्] हिंसा उरतो दस. ३४;
अइवासा [अतिवर्षा] धागो वरसाह
भग. १९९;
अइविकिट्ठ [अतिविकृष्ट] आरंतप विवा. २३;
राय. ५२;
निर. १७: अविगिट्ठ [ अतिविकृष्ट ] खाउ तप निर. १७:
उत्त. १७१६;
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