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ग्रन्थानुक्रमणिका
संख्या
संकेत
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थकार
प्रकाशक
प्रकाशन काल
हेमचन्द्राचार्य
श्रीभीमसिंह माणेक बम्बई | ई. १८६६
योगशा. | योगशास्त्र (गुजराती
भाषान्तर सहित) योगसारप्रा. | योगसार-प्राभृत
अमितगति प्रथम
भारतीय ज्ञानपीठ, काशी | ई. १९६८
३०१ | प्रा.योगिभ.| प्रा. योगिभक्ति (क्रियाक.)| कुन्दकुन्दाचार्य
संपा. पं. पन्नालालजी सोनी | वि.सं. १९९३
३०२ सं. योगिभक्ति "
प्रा. पूज्यपाद ३०३ | रत्नक. रत्नकरण्डश्रावकाचार आचार्य समन्तभद्र मा. दि. जैन ग्रन्थमाला, बंबई | वि. सं. १९८२ ३०४ रत्नक. टी.
, टीका | प्रभाचन्द्राचार्य | रत्नाकरा. रत्नाक रावतारिका श्रीरत्नप्रभाचार्य | श्रेष्ठि हर्षचन्द्र भूराभाई, वी. नि. २४३७
वाराणसी ३०६ - रायप. रायपसेणी
Khadayata Book Depott
Ahmedabad ३०७ लघीय. लघीयस्त्रय
भट्टाकलंकदेव | मा. दि. जैन ग्रन्थमाला, बम्बई वि.सं. १९७२ ३०८ लघीय. अभय. लघीयस्त्रय वृत्ति अभयचन्द्र
| लघुस. | लघुसर्वज्ञसिद्धि अनन्तकीर्ति | लब्धिसा. | लब्धिसार (क्षपणासार- | नेमिचन्द्राचार्य सि.च. | परमश्रुत प्रभावक मण्डल, ई. १९१६ गर्भित)
बम्बई ३११ | ललितवि. | ललितविस्तरा हरिभद्र सूरि जैन पुस्तकोद्धार संस्था, बंबई| ई. १९१५
३०६
३१२ ललितवि.म. ललितविस्तरा पंजिका | मुनिचन्द्र
मा. दि. जैन ग्रंथमाला, बम्बई| वि. सं. १९८४
लाटीसं. लोकप्र.
| लाटीसंहिता
राजमल्ल कवि 'लोकप्रकाश (भा. १,२,३), विनय विजय गणी
३१५ | वरांगच. | वरांगचरित्र
जटासिंहनन्दी
द. ला. जैन पुस्तकोद्धारफण्ड, | ई. १९२६,२८, बम्बई
१९३२ मा. दि. जैन ग्रन्थमालावी . नि. २४६५
समिति, बम्बई | भारतीय ज्ञानपीठ, काशी ई. १९५२
वसुनन्दिश्रावकाचार
प्राचार्य बसुनन्दी
वसु. श्रा. | वाग्भ.
वाग्भटालंकार
वाग्भट कवि
नि. सागर यन्त्रालय, बम्बई | ई. १८६५ आत्मानन्द सभा, भावनगर | वि. सं. १९६६
३१८ | विचारस. | विचारसप्ततिका
महेन्द्रसूरि | विनयकुशल
३१६ | विचा. स. वृ. विचारसप्ततिका वृत्ति
३२० विपाक.
विपाकसूत्र
| गुर्जर ग्रन्थरत्न-कार्यालय, | ई. १६३५
अहमदाबाद
३२१ विपाक. | बिपाकसूत्रवृत्ति
| अभय. वृ.
अभयदेव सूरि
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