________________
जैन-लक्षणावली
संख्या|
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थकार
प्रकाशक
प्रकाशन काल
१४४ | दण्डक
.........dEri
१४३ त्रि. श. पु, च. त्रिषष्टिश. पर्व १०(महा- हेमचन्द्राचार्य जैनधर्म प्रसारक सभा वि. सं. १९६५ वीर आदि का चरित्र)
(भावनगर) परिशिष्ट पर्व (स्थविरा
वि. सं. १९६८ . वली चरित्र). दण्डकप्रकरण
गजसार मुनि | दशवकालिकसूत्र शय्यम्भव सूरि | जैन पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई | ई- १९१८ दशव. नि. | दशवकालिक नियुक्ति भद्रबाहु
दशवकालिक वृत्ति हरिभद्र | दशवकालिक चूणि जिनदास गणि महत्तर | ऋषभदेव केशरीमल श्वेता. | ई. १९३३
संस्था रतलाम द्रव्यसं. द्रव्यसंग्रह
नेमिचन्द्र सैद्धान्तिक देव जैन हितैषी पस्तकालय बंबई| ई. १६०० द्रव्यस्व प्र. | द्रव्यस्वभावप्रकाशक माइल्लववल भारतीय ज्ञानपीठ काशी | ई. १९७१ नयच.
. नयचक्र द्रव्यानुः त. द्रव्यानुयोगतर्कणा भोजकवि
परमश्रुतप्रभावक मंडल बंबई | वी. नि. २४३२ १५२ | द्वात्रि. द्वात्रिंशतिका (तत्त्वानुशा- अमितगतिसूरि मा. दि. जैनग्रन्थमाला समिति वि. सं. १९७५
| सनादिसंग्रह में) | द्वात्रि. सिद्ध. द्वात्रिंशिका
सिद्धसेन दिवाकर जैनधर्म प्रसारक सभा भावनगर वि. सं.१९६५ १५४ द्वादशानु. | द्वादशानुप्रेक्षा
मा. दि. जैन ग्रन्थमाला बंबई | वि. सं. १९८७ १५५ धम्मर. धम्मरसायण पद्मनन्दी मुनि
वि. सं. १९७९ १५६ | धर्मप. धर्मपरीक्षा
अमितगत्याचार्य जैन हितैषी पुस्तकालय बंबई | ई. १६०१ ध. बि. धर्मबिन्दुप्रकरण हरिभद्रसूरि आगमोदय समिति, बम्बई | ई. १६२४ ३. बि. मु. वृ. धर्मबिन्दु वृत्ति मुनिचन्द्र सूरि धर्मरत्नप्र. धर्मरत्नप्रकरण शान्तिसूरि धर्मश.. | धर्मशर्माभ्युदय कवि हरिचन्द्र निर्णयसागर प्रेस, बम्बई | ई. १८६६
धर्ससं. धर्मसंग्रह (दो भागों में) | उपाध्याय मानविजय | जैन पुस्तकोद्धार संस्था, बंबई ई. १९१५, | " स्वो. वृ.| धर्म संग्रह टीका स्वोपज्ञ (मानविजय) धर्मसंग्रहणी हरिभद्र सूरि
ई. १९१६ १६४ | " मलय. वृ. धर्मसंग्रहणी वृत्ति आ. मलयगिरि
कुन्दकुन्दाचार्य
, १६१८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org