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________________ अल्ल-अवउडय अल्ल देखो अद्द | अल्ल अक [नम् ] नीचे झुकना । अल्लई स्त्री [आर्द्रकी ] आर्द्रकलता । अल्लग देखो अल्लय = आर्द्रक । अल्लत्थ सक [ उत् + क्षिप् ] ऊँचा फेंकना । अल्लत्थ न [दे] जलार्द्रा, गीला पंखा । केयूर, भूषण - विशेष । तिय न अल्लय न [ आर्द्रक] अदरक । [क] आदी, हल्दी और कचूर । अल्लय वि [दे] परिचित, ज्ञात । अल्लय [ अल्लक ] इस नाम का एक विख्यात जैन मुनि और ग्रन्थकार, उद्योतनसूरि का उपाध्याय अवस्था का नाम । अल्लल्ल पुं [दे] मयूर । अल्लविय [ अप] देखां आलत्त अल्ला स्त्री [दे] माता । अल्लि देखो अल्ली । } संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष आलपित । Jain Education International 1= अल्लिअ अल्लिअ सक [ उप + सृप्] समीप में जाना । अलिअवि [आद्रित ] गीला किया हुआ । अल्लियावण न [आलायन] आलीन करना, श्लिष्ट करना, मिलान । अल्लिल्ल पुं [दे] भमरा । अल्लव क [अ] अर्पण करना । अल्ली सक [ आ + ली] आना । अल्लीअ प्रवेश करना | जोड़ना । आश्रय करना । आलिंगन करना । अक. संगत होना । अल्लीण वि [आलीन ] आश्लिष्ट । आगत । प्रविष्ट । संगत । योजित | थोड़ा लीन । आश्रित । तल्लीन, तत्पर । अल्लेसवि [अलेश्य ] लेश्यारहित । अल्लोग देखो अलोग । अल्हाद पुं [आह्लाद] आनन्द | अव अ [अप] इन अर्थों का सूचक विपरीतता । वापसी । बुरापन | रहितपन, वियोग | बाहरपन । अव अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय - निम्नता । पीछेपन | तिरस्कार, अनादर । बुराई । गमन | अनुभव | हानि, ह्रास । अभाव । मर्यादा । निरर्थक भी इसका प्रयोग होता है । अव सक [अव्] रक्षण करना । जाना, गमन करना । इच्छा करना । जानना । प्रवेश करना | सुनना । माँगना । करना, बनाना । चाहना | प्राप्त करना । आलिङ्गन । हिंसा करना | जलाना । अक प्रीति करना । तृप्त होना । प्रकाशना । बढ़ना । अव पुं. आवाज । अवअक्ख स [दृश्] देखना | अवअक्खिन [] मुंड़ाया हुआ मुँह । अवअच्छ न [ दे] कक्षा - वस्त्र | अवअच्छ अक [ह्लाद् ] खुश होना । अवअच्छ सक [ह्लादय् ] खुश करना । अवअच्छि [दे | देखो अवअक्खिअ । अवअज्झ सक [दृश्] देखना । afra [] असंघटित, असंयुक्त | अवअण्ण पुं [दे] ऊखल, गूगल । अवअत्त वि [अपवृत्त] स्खलित । अवआस सक [दृश्] देखना । अवइ वि [ अव्रतिन् ] असंयत । अवइण वि [ अवतीर्ण ] उतरा हुआ, जन्मा हुआ । व्रतशून्य, अविरत, अवइद (शौ) वि [ अवचित] एकत्रित | अवइद (शौ) वि [ अपकृत] जिसका अहित किया गया हो वह । न अपकार, अहित । अवउज्न सक [ अवकुब्ज् ] नीचे नमना । अवउज्झ सक [अप + उज्झ्] परित्याग करना । अवउज्भ देखो अववह । अव्यय - अवउडग न्यूनता । अवउडय देखो अवओडग । ७५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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