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८८२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
हरि-हरे °एसबल । केसि पु [°केशिन्] एक जन हरिआ देखो हिरि। मुनि । गीअ न [°गीत] एक छन्द । ग्गीव हरिआल देखो हरि-आल। पु[ग्रीव] एक राक्षस राजा । °चंद पु हरिआली स्त्री [दे. हरिताली] दूर्वा, दूब । [°चन्द्र] एक विद्याधर राजा । एक विद्या- हरिएस देखो हरि-एस । धर कुमार । °चंदण पु [चन्दन] एक हरिचंदण देखो हरि-चंदण। अन्तकृद् जैन मुनि । देखो °अंदण । °णयर हरिचंदण न [दे. हरिचन्दन] कुंकुम, केसर । न [°नगर] वैताढ्य की दक्षिण श्रेणि का हरिडय [हरितक] कोंकण देश-प्रसिद्ध एक विद्याधर नगर । °ताल पुं. द्वीप-विशेष। वृक्ष-विशेष । देखो आल । °दास पुं. एक वणिक् । °धणु हरिण पुं. हिरन । एक छन्द । °च्छी स्त्री न [धनुष्] इन्द्र-धनुष । °पुरी स्त्री. इन्द्र- [Tक्षी] सुन्दर नेत्रवाली स्त्री। °ारि पु पुरी । भद्द [ भद्र] एक जैन आचार्य तथा [°ारि] । हिव पु [°ाधिप] सिंह । ग्रन्थकार । °मंथ पु [°मन्थ] काला चना । हरिणंक पु [हरिणाङ्क] चन्द्र । °मेला स्त्री. वृक्ष-विशेष । वइ पु [°पति] हरिणंकुस पु हरिणाश] चौथे बलदेव के वानरपति, सुग्रीव । °वंस पु [°वंश] एक गुरु । एक जैन मुनि । क्षत्रिय-कुल । °वस्स, 'वास पु [वर्ष] हरिणगवेसि देखो हरिणेगमेसि । क्षेत्र-विशेष । पुन. महाहिमवान् या निषध हरिणी स्त्री. हिरनी । छन्द-विशेष । पर्वत का एक शिखर । वाहण । हरिणेगमेसि पु [हरिनैगमैषिन्] शक्र के [°वाहन ] मथुरा का एक राजा। पदाति-सैन्य का अधिपति देव । नन्दीश्वर द्वीप के अपराध का अधिष्ठाता हरिहा देखो हलिहा । देव । °सह देखो °स्सह । °सेण पुं| हरिमंथ पु [दे] काला चना, अन्न-विशेष । [षेण] दसवाँ चक्रवर्ती राजा। भ० नमि- | हरिमिग्ग पुणदे] लगुड, लाठी, डण्डा । नाथजी का प्रथम श्रावक । °स्सह पुं[°सह] हरियंदपूर न [हरिश्चन्द्रपुर] गंधर्वनगर । विद्युत्कुमार-देवों की दक्षिण दिशा का इन्द्र ।
हरिली देखो हिरिली। माल्यवन्त पर्वत का एक शिखर ।
हरिल्ल वि [भरवत्] भारवाला । हरि पु [हरित्] हरा रंग । वि. हरा रंग- हरिस अक [हष् ] खुशी होना। वाला । स्त्री. एक महा-नदी । षड्ज ग्राम की हरिस सक [हर्ष] हर्ष से रोम खड़ा करना। एक मूर्च्छना। °पवात, °प्पवाय पुं
हरिस पु [हर्ष] सुख । आनन्द, प्रमोद । [प्रपात] एक द्रह, जहाँ से हरित् नदी
आभूषण-विशेष । °उर पु [पुर] एक जैन निकलती है।
गच्छ । °ाल वि [°वत्] हर्ष-युक्त । हरि° देखो हिरि।
हरिसण पु [हर्षण] एक ज्योतिष योग । हरिअ पं [हरित] हरा । वि. हरा वर्ण- हरिसाइय वि हर्षित हर्ष-प्राप्त । वाला। पुं. एक आयं मनुष्यजाति । पुन. हरिसाल देखो सरिस-ल = हर्ष-वत् । हरा तृण, सब्जी।
हरी देखो हिरी। हरिअग। न [हरितक] जीरा आदि के | हरीडई देखो हरडई । हरिअय पत्तों से बना हुआ भोज्य-विशेष । | हरे अ [अरे] इन अर्थों का सूचक अव्ययहरिआ स्त्री [हरिता] दूर्वा, दूब, तृण-विशेष ।' आक्षेप, निन्दा । संभाषण । रति-कलह ।
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