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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष हत्थंकर-हम्मि पु [°ालम्ब मदद।
महावत । °वाल देखो °पाल । °विजय न. हत्थंकर पु [हस्तङ्कर] वनस्पति-विशेष । वैताढ्य की उत्तर श्रेणि का एक विद्याधरहत्थंदु । पुन [हस्तान्दुक] हाथ बाँधने । नगर । °सीस न [°शीर्ष] एक नगर, राजा हत्थंदुय ) का काठ आदि का बन्धन- दमदन्त की राजधानी। 'सुंडिया देखो विशेष ।
°सोंडिगा। °सोंड पु [°शौण्ड] त्रीन्द्रिय हत्थच्छुहणी स्त्री [दे] नवोढ़ा ।
जन्तु-विशेष । °सोंडिगा स्त्री [°शुण्डिका हत्थड (अप) देखो हत्थ।
आसन-विशेष। हत्थय न [हस्तक] कलाप-समूह ।
हत्थिअचक्खु न [दे] वक्र अवलोकन । हत्थल पु [दे] क्रीड़ा के लिए हाथ में ली हुई हत्थिच्चग वि [हस्तीय,हस्त्य] हाथ का । चीज । वि चञ्चल हाथवाला ।
हत्थिणउर । न [हस्तिनापुर नगर-विशेष । हत्थल वि [हस्तल] खराब हाथवाला। पुं. हत्थिणाउर , चोर ।
हत्थिणी देखो हत्थि। हत्थलिज देखो हत्थिलिज ।।
हत्थिमल्ल पुं [दे] इन्द्र-हस्ती, ऐरावण हाथी । हत्थल्ल वि [दे] क्रीड़ा से हाथ में लिया हुआ। हथियार नहथियार । हत्थल्लिअ वि [दे] हाथ से हटाया हुआ। हत्थिलिज्ज न [हस्तिलीय] एक जैन-मुनिहत्थल्ली स्त्री [दे] हस्त-बृसी, हाथ में स्थित
कुल । आसन-विशेष ।
हत्थिवय पु [दे] ग्रह-भेद । हत्थार न [दे] मदद।
हत्थिहरिल्ल [दे] वेष । हत्थारोह पु [हस्त्यारोह] हस्तिपक । हत्थावार न [दे] मदद।
हत्थुत्तरा स्त्री [हस्तोत्तरा] उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र । हत्थाहत्थि स्त्री [हस्ताहस्तिका] हाथोहाथ ।
हत्थोडी स्त्री [दे] हस्ताभरण। हस्त-प्राभृत । हत्थि पुस्त्री [हस्तिन्] हाथी । स्त्री. °णी। पु. नृप-विशेष ।
हथलेव पु [दे] हस्त-ग्रहण, पाणिग्रहण । आरोह पु. हाथी का
हद देखो हय = हत । महावत । कण्ण, 'कन्न पु [°कर्ण] एक अन्तर्वीप । वि. उसका निवासी। कप्प न हद । पु[दे] बालक का मल-मूत्रादि । [°कल्प] देखो हत्थ-कप्प । °गुलगुलाइय | न [ गुलगलायित ] हाथी का शब्द- हद्धय पु [द] हास, विकास । विशेष । °णागपुर न [°नागपुर] हद्धि । अ [हा-धिक्] खेद । अनुताप । हस्तिनापुर । °तावस पु [°तापस ] हद्धी । बौद्ध साधु-विशेष, हाथी को मारकर उसके हमार (अप) वि [अस्मदीय] हमारा । मांस से जीवन-निर्वाह करने के सिद्धान्तवाला हमिर देखो भमिर । संन्यासी । नायपुर देखो नागपुर । पाल पुं. हम्म सक [हन्] वध करना । भ० महावीर के समय का पावापुरी का राजा। हम्म अक [हम्म्] जाना । पिप्पली स्त्री. वनस्पति-विशेष । °मुह पुं हम्म न हियं] क्रीड़ा-गृह । [°मुख]एक अन्तर्वीप । वि. उसका निवासी। हम्म हण = हन् का कर्मणि रूप ।
रयण न [°रत्न] । प्राय पुं [राज] हम्मार देखो हमार। उत्तम हाथी । °वाउय पु [°व्यापृत] ' हम्मिअ न [दे.हH] गृह, प्रासाद ।
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