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सतय-सत्तंग संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
८०७ सतय देखो सयय = शतक ।
साधु-प्रतिज्ञा । मिया, 'मी स्त्री [मिका, सतर न. दधि ।
°मी] सातवों। सातवीं विभक्ति । °य देखो सति देखो सइ = स्मृति ।
ग। र वि [°त] ७० वाँ । °र त्रि सती देखो सई = सती।
[दशन्] सतरह । °रत्त पुं [ रात्र] सात सतीणा देखो सईणा।
रातदिन का समय । °रस त्रि [°दशन्] सतेरा स्त्री [शतेरा] विदिग् रुचक पर रहने सतरह। रस, °रसम वि [°दश] सतरहवाँ । वाली एक विद्युत्कुमारी देवी ।
रह देखो °रस - °दशन् । 'रि स्त्री सत्त वि [शक्त] समर्थ ।
[°ति] सत्तर । रिसि पुं [°ऋषि] सात सत्त वि [शप्त] शाप-ग्रस्त, आक्रोश-प्राप्त ।।
नक्षत्रों का मंडल-विशेष । °वण्ण पुं[°पर्ण] सत्त देखो सच्च = सत्य ।
वृक्ष-विशेष, सतौना । देव-विशेष । °वन्नवसत्त वि [सक्त] आसक्त, गृढ ।
डिसय पुं [पर्णावतंसक] सौधर्म देवलोक सत्त पुंन [सत्र] सदाव्रत । यज्ञ । °साला स्त्री का एक विमान । विह वि [विध] सात [°शाला] सदाव्रत-स्थान, दान-क्षेत्र । °गार प्रकार का। वीसइ, वीसा स्त्री न [°ागार] वही अर्थ ।
[विंशति] सताईस । °सइय वि [ शतिक] सत्त वि [दे] गत ।
सात सौ की संख्यावाला। °सट्ठ वि [°षष्ट] सत्त पुन [सत्त्व] प्राणी, जीव, चेतन । अहो
सड़सठवाँ । सट्ठि देखो ट्ठि । सत्तमिया स्त्री रात्र का दूसरा मुहूर्त । न. बल, पराक्रम । ["सप्तमिका] प्रतिज्ञा-विशेष, नियम-विशेष । मानसिक उत्साह । विद्यमानता। सात दिनों |
°सिक्खावइय वि [ °शिक्षावतिक ] सात का उपवास ।
शिक्षाव्रतवाला । हत्तर वि[°सप्तत]७७वाँ । सत्त वि [सप्तन्] सात । °खित्ती, खेत्ती |
हत्तरि स्त्री[°सप्तति]७७ । सतहत्तर संख्यास्त्री [°क्षेत्री] जिन-चैत्य, जिन-बिम्ब, जैन |
वाला । हा अ [°धा] सप्तविध । हुत्तरि आगम, साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका
देखो °हत्तरि । ईस (अप) देखो वीसा । -ये सात धन-व्यय-स्थान । °ग न [क] सात
°णउइ स्त्री ['नवति] ९७ । गणउय वि का समुदाय । °चत्ताल वि ['चत्वारिंश
["नवत] ९७वा । जिसमें सत्तानबे अधिक हो ४७ वा । °चत्तालीस स्त्रीन [°चत्वारिंशत्]
वह । रह(अप)देखो °रह । गवण्ण, वन्न ४७ । °च्छय पुं[°च्छद] सतवन का पेड़ ।
स्त्रीन [ °पञ्चाशत् ] ५७ । सतावन संख्या ट्ठि स्त्री [°षष्टि] सड़सठ । सड़सठ संख्या
वाला । स्त्री. 'पणा । वन्न वि [°पञ्चाश] वाला । °द्विधा अ [°षष्टिधा] सड़सठ प्रकार
सतावनवा । वीस न[विंशति] । वीसइ का। °णउइ देखो गणउइ। तीसइम वि
स्त्री [°विंशति] सताईस । सताईस की [त्रिंशत्तम] ३७ वा । तंतु पुं [°तन्तु]
संख्यावाला । वीसइम वि [विंशतितम] यज्ञ । दस त्रि [°दशन्] १७ । °पण्ण
सताईसवाँ । वीसइविह वि [विंशतिदेखो वण्ण। °भूम वि. । 'भूमिय वि
विध] सताईस प्रकार का। वीसा स्त्री. [भूमिक] सात तलावाला प्रासाद । °म वि.
देखो वीस । सीइ स्त्री [°ाशीति]८७ । ७ वा। स्त्री. "मा। मासिअ वि
°ासीइम वि [°ाशीतितम] ८७ वाँ । [°मासिक] सात मास का। 'मासिआ स्त्री सत्तंग वि [सप्ताङ्ग] राजा, मन्त्री, मित्र, [ मासिकी] सात मास में पूर्ण होनेवाली एक । कोश-भंडार, देश, किला तथा सैन्य-ये सात
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