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संथण-संदोह संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
७९१ संथण अक [सं + स्तन्] आक्रन्द करना। उत्सपिणी-काल में उत्पन्न तेइसौं जिनदेव । संथर सक [सं । स्तु] बिछौना करना, न. क्षरण, प्रस्रव । बहना । जल । बिछाना । निस्तार पाना, पार जाना। संदभ पुं[संदर्भ] रचना, ग्रंथन । निर्वाह करना। अक. समर्थ होना। तृप्त संदमाणिया । स्त्री [स्यन्दमानिका, °नी] होना । होना, विद्यमान होना ।
संदमाणी एक प्रकार का वाहन, एक संथर देखो संथार।
तरह की पालकी। संथव सक [सं+ स्तु] स्तुति करना, इलाषा संदाण सक [कृ] अवलम्बन करना। करना । परिचय करना।
संदाणिअ [संदानित] बद्ध, नियन्त्रित । संथव पु [संस्तव] स्तुति, श्लाघा । परिचय, संदामिय । [संदामित] संसर्ग । वि. स्तुति-कर्ता ।
संदाव देखो संताव = सन्ताप । संथव - देखो संठव ।
संदाव पुं[संद्राव] समूह, समुदाय । संथवय वि [संस्तावक] स्तुति-कर्ता। संदिट्र वि [संदिष्ट] जिसका या जिसको संथार । पुं [संस्तार] दर्भ-कुश आदि सन्देशा दिया गया हो, उपदिष्ट, कथित । संथारग 5 की शय्या, बिछौना। कमरा । जिसको आज्ञा दी गई हो। छंटा हुआ, उपाश्रय । संस्तार-कर्ता।
छिलका निकाला हुआ (चावल आदि)। संथाव देखो संठाव।
संदिद्ध वि [संदिग्भ] संशय-युक्त । संथिद (शौ) देखो संठिअ ।
संदिन्न न [संदत्त] उनतीस दिनों का लगातार संथुअ वि [संस्तुत]सम्बद्ध, संगत । परिचित । उपवास।
जिसकी स्तुति की गई हो वह, श्लाधित। संदिस सक [सं + दिश्] सन्देशा देना, समासंथुइ स्त्री [संस्तुति] स्तुति, श्लाघा । चार पहुँचाना । आज्ञा देना। अनुज्ञा देना । संथुण सक [सं+स्तु] स्तुति या श्लाघा
दान के लिए संकल्प करना । उपदेश देना। करना ।
संदीण पुं[संदीन] पक्ष या मास आदि में संथुल वि [संस्थुल] रमणीय ।
पानी से सराबोर होता द्वीप । अल्पकाल तक संथुव्वत देखो संथुण का कवकृ. ।
रहनेवाला दीपक । श्रुतज्ञान । क्षोभणीय । संद अक [स्यन्द्] झरना, टपकना ।
संदीवग वि [संदीपक] उत्तेजक । संद पुं [स्यन्द] झरन, प्रस्रव । रथ ।
| संदीवण न [संदीपन] उत्तेजना, उद्दीपक । संद वि [सान्द्र] घन, निबिड़ ।
वि. उत्तेजन का कारण । संदंस पुं [संदंश] दक्षिण हस्त ।
संदीविय वि [संदीपित] उत्तेजित, उद्दीपित । संदसण न [संदर्शन] दर्शन, देखना, साक्षा
संदुक्ख अक [प्र+दीप्] जलना। त्कार।
संदुट्ठ वि [संदुष्ट] अतिशय दुष्ट । संद वि [संदष्ट] जो काटा गया हो वह, | संदुम अक [प्र+दीप्] जलना, सुलगना । जिसको दंश लगा हो वह ।
संदेव पुं [दे] सीमा, मर्यादा। नदी-मेलक, संदट्ट । वि [दे] संलग्न, संयुक्त । सम्बद्ध । नदी-संगम । संदट्टय ) न. संघट्ट, संघर्ष ।
संदेस पुं[संदेश] संदेशा। संदड्ढ वि [संदग्ध] अति जला हुआ। संदेह पुं. संशय, शंका। संदण पुं [स्यन्दन] रथ । भारतवर्ष में अतीत / संदोह पुं. समूह, जत्था ।
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